अनूप पासवान/कोरबा. दिवाली से पहले पुष्य नक्षत्र का पड़ना खरीदी के लिए बेहद शुभ माना जाता है, पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि हैं. इस बार पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ योग दो दिन रहेगा. 4 और 5 नवंबर के दिन ये विशेष संयोग बन रहा है. इस कारण शनिवार और रविवार का दिन धार्मिक दृष्टि से खरीदारी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे कारोबारियों को दोनों ही दिन बाजार में जमकर धन बरसने की उम्मीद लगी हुई हैं. इस दिन एक साथ कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं.
4 नवंबर के दिन बुधादित्य योग, पराक्रमी योग व साध्य योग और 5 नवंबर को सर्वार्थ सिद्धि योग, पराक्रमी योग, बुधादित्य योग का विशेष संयोग बन रहा है. दीवाली पर्व को लेकर बाजार सजकर तैयार हो गया है.
मणि पत्थर खरीदना अति शुभ
ज्योतिषाचार्य पंडित अमरनाथ द्ववेदी ने बताया कि इस बार पुष्य नक्षत्र 4 नवंबर की सुबह 8 बजे से शुरू होगी. समाप्त रविवार की सुबह 10.30 बजे रहेगी. पुष्य नक्षत्र शनिवार के दिन होने पर शनि पुष्य योग कहते हैं. वहीं, रविवार के दिन पड़ने से रवि पुष्य योग कहा जाता है. शनि पुष्य योग में नीलम रत्न आदि का खरीदारी करना शुभ माना जाता है. वहीं, रवि पुष्य योग के दिन सोना, चांदी, रत्न आदि खरीदी करना अति शुभ माना जाता है. शनिवार को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.42 बजे से 12.26 बजे तक, विजय मुहूर्त दोपहर 1.54 से 2.38 बजे, त्रिपुष्कर योग सुबह 6.35 से 7.57 बजे सहित अन्य योग के विशेष संयोग भी बन रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 31, 2023, 14:42 IST