इनकी राजनीति ही ‘इस हाथ दे उस हाथ ले’ पर आधारित: INDIA गठबंधन पर बोले रविशंकर प्रसाद

इनकी राजनीति ही 'इस हाथ दे उस हाथ ले' पर आधारित: INDIA गठबंधन पर बोले रविशंकर प्रसाद

नई दिल्ली:

विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की तीसरी बैठक मुंबई में हुई. दो दिन की बैठक खत्म होने के बाद गठबंधन के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. अब बीजेपी ने पलटवार किया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, “इनकी राजनीति ही लेन देन (Give and Take) पर आधारित है और ये देश बनाने चले हैं.” प्रसाद ने कहा, “विपक्षी दल निशाना साधते हुए आरोप लगाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अधिनायकवादी हैं, लेकिन विपक्षी नेताओं ने पत्रकारों के सवाल के जवाब नहीं दिए.” 

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विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के प्रस्ताव पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, “इनकी राजनीति ‘इस हाथ दे उस हाथ ले’ पर आधारित है. लालू प्रसाद यादव ने तो पराकाष्टा कर दी. वो चारा घोटाले पर बेल पर बाहर हैं, 2जी और कॉमनवेल्थ में भी लेन-देन हुआ.” उन्होंने दावा किया कि इनकी तीसरी बैठक का नतीजा ये है कि इन्होंने राजनीतिक तौर पर लेने-देने को स्वीकार कर लिया. तीसरी बैठक में न तो गरीबों के उत्थान की कोई रूपरेखा नजर आई और न ही भारत के विकास का दृष्टिकोण दिखा. 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “लालू यादव पीएम मोदी के बारे में कैसी-कैसी बात करते हैं. विपक्षी दल भारत में विकल्प की तलाश करने निकले हैं. इनकी एक ही सोच है कि केवल और केवल पीएम नरेंद्र मोदी के लिए अपमानजक बयान देना.” 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “इन लोगों ने जल, नभ और जमीन हर जगह भ्रष्टाचार किया. ये हमें सीख दे रहे हैं. गठबंधन में न कोई संयोजक न कोई कमेटी है, बस गिव एंड टेक सिद्धांत को स्वीकार किया गया है. राहुल गांधी तो चीन के प्रवक्ता हो गए हैं.” उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कोपभवन में चल जाते हैं. उनका खेल तो लालू यादव ने ही बिगाड़ दिया और कह दिया कि एक ही संयोजक क्यों हागा. 

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “तिब्बत कब गुलाम हुआ था राहुल गांधी, दलाई लामा कब भागे थे ,लेकिन चीन के प्रवक्ता बन कर सेनाओं का मनोबल तोड़ेंगे. चीन में आपके रक्षा मंत्री एंटनी का बयान सांसद का दर्ज है राहुल गांधी. राफेल पर क्या क्या बोले थे, क्या कही चीन भी आपके गठबंधन से प्रसन्न हो रहा है, आखिर वजह क्या है. हर बार आपके गठबंधन की बैठक में चीन का गुणगान करना जरूरी है क्या. देश की जनता को तय करना है की क्या वो ऐसी पार्टी को चुनेगी जो जनता की चिंता करता हो या फिर विरोध करने वालो की. उनके गठबंधन में ना नीति नियत और कार्यक्रम है. मोदी की सरकार क्यों लोकप्रिय है उनको समझना पड़ेगा.”

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