नई दिल्ली. भारत समेत दुनिया भर की खुफिया एजेंसियां आतंकी खतरों के मद्देनजर हाई अलर्ट पर हैं. सूत्रों का कहना है कि एजेंसियां इजरायल और हमास (Israel-Hamas) के बीच जारी जंग के दुनिया भर पर पड़ने वाले असर पर निगरानी रखी हुई हैं. यह मामला केवल दो देशों का न होकर अब उससे कहीं ज्यादा बढ़ गया है. खुफिया एजेंसियां यह मान रही हैं कि यह सिर्फ इजराइल और खाड़ी देशों के बीच की कूटनीति नहीं है, जिसके कारण चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष से प्रभावित होने का खतरा है, बल्कि मध्य पूर्व और उसके बाहर आतंकवाद विरोधी प्रयासों के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है.
सूत्रों का कहना है कि फ़िलिस्तीनी मुद्दे के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बढ़ते समर्थन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. तो वहीं दूसरी ओर इजरायल के साथ लड़ाई में हमास के बहु-आयामी हमले को भी समझना होगा. ये दोनों अलग-अलग मुद्दे हैं. द वीक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे न तो किसी समुदाय और न ही समर्थन के आधार पर पहचाना जा सकता है. अब युद्ध के बीच अमेरिका, खाड़ी देशों और अन्य सहित सबके लिए बड़ी चुनौती बन गया है. एजेंसियों का कहना है कि अब आतंकवादी समूहों के खतरों के प्रति सतर्क रहना होगा. ये समूह जो या तो हमास का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ वे इस जंग को अपनी ताकत बढ़ाने में इस्तेमाल कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो से युद्ध का फायदा उठाने की साजिश
भारत में इंटेलिजेंस ब्यूरो में पूर्व विशेष निदेशक यशोवर्धन आज़ाद ने कहा कि फर्जी वीडियो सामने आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर बहुत कुछ ऐसा शेयर किया जा रहा है जो क्षेत्र में तनाव बढ़ाने का काम कर सकता है. आतंकियों ने अपनी रणनीति का प्रचार करने का मौका बना लिया है. हालांकि आतंकवाद को बढ़ावा देने की कोई दूर-दूर तक संभावना नहीं है, क्योंकि खुफिया अधिकारियों ने स्वयंभू ताकतों द्वारा स्थिति का फायदा उठाने के लिए सोशल मीडिया पर किए जा रहे प्रयासों के खिलाफ चेतावनी दी है.
गलत सूचनाएं, दुष्प्रचार के प्रति सतर्क रहने की जरूरत
यशोवर्धन आज़ाद ने कहा कि गलत सूचना और दुष्प्रचार अभियानों के अलावा, खुफिया एजेंसियों को अल कायदा, आईएस या यहां तक कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों- संगठनों के स्लीपर सेल द्वारा मजबूत स्थिति लेने और एकजुटता दिखाने के लिए देशों में छिटपुट हमलों की कोशिश करने की संभावना के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है. इजरायल- हमास के युद्ध पर नई दिल्ली में सुरक्षा अधिकारियों द्वारा बारीकी से नजर रखी जा रही है, जो अब तक आतंकवादी समूहों को दूर रखने में सक्षम है.
हमास किसी भी वार्ता में वैध भागीदार नहीं हो सकता
सुरक्षा प्रतिष्ठान में एक वर्ग का मानना है कि युद्ध फैल नहीं सकता है, क्योंकि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई खाड़ी देश संपत्तियों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि कतर बंधकों के आदान-प्रदान में मध्यस्थता करने की कोशिश कर सकता है. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विशेषज्ञ रोहन गुणरत्न ने कहा कि हमास ऐसी किसी भी वार्ता में वैध भागीदार नहीं हो सकता है जिसका उद्देश्य इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष का स्थायी समाधान प्राप्त करना है. हमास ने नागरिकों को मार डाला और कई लोगों को बंधक बनाया है. उसके भविष्य में किसी भी फ़िलिस्तीनी राज्य के हिस्से के रूप में उनका स्वागत किए जाने की संभावना नहीं है.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2023, 19:21 IST