राजकुमार सिंह/ वैशाली. कहते हैं कि विश्व में भारत सबसे बड़ा केला उत्पादक देश है. और बिहार का हाजीपुर केले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं. ऐसे अब इजराइली वैराइटी की टिश्यू कल्चर से तैयार G-9 प्रभेद का केला किसानों को मालामाल कर रहा है. केला उत्पादन के क्षेत्र में किसानों को नई-नई जानकारी देने के लिए गोरौल स्थित केला अनुसंधान केंद्र वरदान साबित हो रहा है. वैसे तो केला अनुसंधान केंद्र में कई प्रभेद के केले का पौधा और केला विकसित किया जाता है. लेकिन इन दिनों इजरायली प्रभेद की G-9 केला की खेती करने के लिए यहां से किसानों को प्रेरित किया जा रहा है. कृषि वैज्ञानिकों की माने तो इस प्रभेद के केले की खेती से प्रति एकड़ एक लाख का मुनाफा कमाया जा सकता है.
केंद्र प्रभारी पदाधिकारी एसके ठाकुर ने बताया किअगर व्यवसाय के नजरिए से किसान केला की खेती करना चाहते हैं, तो उनके लिए G-9सबसे अच्छा विकल्प है. उन्होंने बताया कि केला अनुसंधान केंद्र में भी लगभग 12 एकड़ में G-9के साथ-साथ अन्य प्रभेदों की खेती की गई है, जहां से ना सिर्फ केले का पौधा, बल्कि केले की बिक्री भी की जाती है. जिसे खरीदने के लिए मुजफ्फरपुर, छपरा, पटना सहित कई जिलों के किसान आते हैं. उन्होंने बताया कि यहां से किसानों को 22 रुपए दर्जन केला दिया जाता है.जिसे ले जाकर किसान 35 से 50 रुपए प्रति दर्जन बेचते हैं.
प्रति एकड़ एक लाख का होता है मुनाफा
उन्होंने बताया कि G-9 के अलावा अन्य प्रभेद के केले का पौधा भीकृषि विभाग के साथ-साथ किसानों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसे ले जाकर किसान केले की खेती करते हैं और अच्छा मुनाफा कमाते हैं. तो अगर आप भी केले की खेती कर लाखों रुपए कमाना चाहते हैं, तो G-9प्रभेद आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी एसके ठाकुर ने बताया कि केला अनुसंधान केंद्र में तीन एकड़ में G-9 प्रभेद का पौधा लगाया गया है. जिसमें बेहतर फलन हो रहा है. 3 एकड़ में खर्च काट कर सालाना तीन लाख से अधिक की कमाई हो रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 19, 2023, 14:00 IST