Antoinette Latouf : ऑस्ट्रेलियाई एयरवेव्स और समाचार पत्रों का एक जाना-पहचाना चेहरा एंटोनेट लैटौफ न केवल एक रिपोर्टर के रूप में बल्कि नस्लवाद और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों के वकील के रूप में भी जाना जाता हैं. हाल ही में उन्हें सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है. एंटोनेट लैटौफ ने फेयर वर्क कमीशन में दायर एक आवेदन में दावा किया है ,कि उन्हें गैरकानूनी तरीके से बर्खास्त किया गया. बता दें, उन्हें पहले भी इजराइल-गाजा संघर्ष पर अपने सोशल मीडिया पोस्ट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था, जहां उन्होंने फिलिस्तीनी नागरिकों पर प्रभाव के बारे में चिंता जताई थी और इजराइल पर पत्रकारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया था.
वरिष्ठ पत्रकार और प्रस्तोता एंटोनेट लैटौफ को ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (ABC) रेडियो शो में होस्ट के पद से हटा दिया गया है. बता दें, लैटौफ एबीसी में स्थानीय मॉर्निंग शो में काम कर रही थी. एंटोनेट लैटौफ ने दावा किया है, कि बाहरी दबाव के कारण राजनीतिक राय और नस्ल के आधार पर उन्हें निकाला गया है.
एंटोनेट लैटौफ का मानना था, कि उनका प्रदर्शन सही था. साथ ही उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे इजरायल समर्थक समूह उनके खिलाफ पैरवी कर रहे थे, उन पर पक्षपात और यहूदी विरोधी भावना का आरोप लगा रहे थे.
ऐसे में ABC कहता है, कि वह किसी भी बाहरी प्रभाव से इनकार करता है और दावा करता है, कि लैटौफ ने ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) से इजराइल-गाजा संघर्ष से संबंधित एक पोस्ट शेयर करके सोशल मीडिया के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया है.
बता दें, कि लैटौफ का आरोप है, ABC के अन्य कर्मचारियों ने भी पोस्ट शेयर किया है, लेकिन सिर्फ उनके साथ ही अलग व्यवहार किया जा रहा है. जो गलत है.
लैटौफ ने की वापसी की मांग
ABC के अनुसार, लैटौफ को ऑफ-एयर कर दिया गया है, क्योंकि उन्होंने सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट किया. ऐसे में लैटौफ सार्वजनिक माफी, मुआवजा और अपनी ऑन-एयर भूमिका में वापसी करने की मांग कर रही है, लेकिन ABC उनकी सभी बातों को खारिज कर देता है.
ABC अध्यक्ष ने जताई चिंता
ह्यूमन राइट्स वॉच (HRW) ने ABC अध्यक्ष इटा बटरोज से चिंता व्यक्त की है. साथ ही बताया कि उनकी तथ्यात्मक पोस्ट को विवादास्पद माना गया है, जो संभावित रूप से ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारिता को प्रभावित कर रही थी. मीडिया संघ ने लैटौफ को हटाने के फैसले की आलोचना की और उद्योग मंत्री एड ह्युसिक ने नौकरियों को जोखिम में डाले बिना शांतिपूर्ण विचार व्यक्त करने के अधिकार का बचाव किया.