वॉशिंगटन6 घंटे पहले
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सऊदी अरब के PM और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सितंबर में माना था कि इजराइल से नॉर्मल रिलेशन शुरू हो सकते हैं। (फाइल)
इजराइल और हमास के बीच जंग जारी है। इसके बावजूद सऊदी अरब चाहता है कि उसके इजराइल के साथ सामान्य संबंध हों। यह दावा अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने किया है। 30 अक्टूबर को अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जेक सुलिवन ने वॉशिंगटन में सऊदी अरब के डिफेंस मिनिस्टर प्रिंस खालिद बिन सुल्तान सऊद से लंबी बातचीत की थी।
किर्बी का यह बयान इसलिए अहम हो जाता है, क्योंकि इजराइल और हमास की जंग शुरू होने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही इजराइल-सऊदी अरब बातचीत बंद हो गई है।
ये दोनों देशों के हित में
- जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन लंबे वक्त से यह कोशिश कर रही है कि मिडिल ईस्ट के अरब देशों और इजराइल के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन नॉर्मल हों। डोनाल्ड ट्रम्प के दौर में इस मिशन को ‘अब्राहम अकॉर्ड’ के जरिए काफी कामयाबी भी मिली थी। अब बाइडेन चाहते हैं कि उनका कार्यकाल पूरा होने के पहले सऊदी अरब भी इजराइल को मान्यता दे।
- इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बावजूद अमेरिका ने इसकी कोशिश बंद नहीं की है। किर्बी से इसी बारे में सवाल किया गया था। इस पर उन्होंने कहा- हम पहले भी इस मुद्दे पर काम कर रहे थे और अब भी कर रहे हैं। हां, ये बात जरूर है कि इस जंग की वजह से कुछ चीजें बिगड़ीं। फिलहाल, हमारा फोकस इस जंग पर ही है।
- पिछले हफ्ते सऊदी डिफेंस मिनिस्टर प्रिंस सऊद अमेरिका आए थे। उनकी अमेरिकी NSA जेक सुलिवन से तीन बार बातचीत हुई थी। इस मुलाकात पर किर्बी ने कहा- इस बातचीत के बाद ये तय है कि इजराइल और सऊदी अरब के बीच सामान्य संबंध शुरू कराने की कोशिश जारी रहेगी। सऊदी अरब भी इस पर पूरी तरह सहमत है।
- किर्बी ने यह भी माना कि इजराइल और हमास की जंग की वजह इस काम में दिक्कत आ रही है। 7 अक्टूबर को जंग शुरू होने से पहले अमेरिका और सऊदी अरब के बीच भी एक रक्षा समझौता होना था। माना जा रहा है कि यह भी इजराइल-सऊदी नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस का ही हिस्सा है। मुमकिन है कि फिलिस्तीन भी इस रक्षा संबंधों का हिस्सा बने।
सात देश दे सकते हैं मान्यता
- अक्टूबर की शुरुआत में इजराइल के फॉरेन मिनिस्टर एली कोहेन ने कहा था कि सऊदी अरब से डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल होने के बाद कम से कम सात मुस्लिम देश इजराइल को मान्यता देंगे। यह एक नए तरह की पीस डील होगी।
- इजराइली अखबार ‘यरूशलम पोस्ट’ से बातचीत में कोहेन ने माना था कि सऊदी अरब और इजराइल के बीच बातचीत जारी है और कुछ चीजें ऐसी हैं, जिन्हें बताया नहीं जा सकता।
- कोहेन का यह बयान कई लिहाज से अहम था, क्योंकि सितंबर के आखिरी हफ्ते में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने फॉक्स न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में साफ तौर पर माना था कि इजराइल से बातचीत अंजाम के काफी करीब है।
- इजराइली फॉरेन मिनिस्टर के मुताबिक-सऊदी अरब के साथ अमन का मतलब है कि पूरे मुस्लिम वर्ल्ड के साथ अमन बहाली और बेहतर रिश्ते हो जाना। लिहाजा, अगर सऊदी और इजराइल के बीच अमन बहाली होती है तो यह पूरे मुस्लिम वर्ल्ड के साथ बेहतर रिश्तों की दिशा में सबसे अहम कदम होगा और इसका फायदा पूरी दुनिया को होगा।
बाइडेन और सऊदी क्राउन प्रिंस के रिश्ते शुरुआत में अच्छे नहीं थे, लेकिन नई दिल्ली में जी-20 समिट के दौरान दोनों नेता गर्मजोशी से मिले। पिछले साल दोनों ने जेद्दाह में हाथ मिलाने से भी परहेज किया था। यह तस्वीर पिछले साल की ही है।
क्या चाहता है अमेरिका
- अगस्त में अमेरिका ने पहली बार खुलकर कहा था कि वो इजराइल और सऊदी अरब में नॉर्मल रिलेशनशिप चाहता है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा था- अमेरिका की नेशनल सिक्योरिटी के लिए बहुत जरूरी है कि इजराइल और सऊदी अरब के बीच नॉर्मल रिलेशन हों। अमेरिका को इससे काफी फायदा है। इस टारगेट को हासिल करने में कुछ वक्त और लग सकता है।
- ब्लिंकन के इस बयान के वर्ल्ड डिप्लोमैसी में बेहद अहम मायने हैं। इजराइल सरकार ने हाल ही में माना था कि सऊदी से बैकडोर डिप्लोमैसी के तहत बातचीत जारी है और अमेरिका मीडिएटर का रोल प्ले कर रहा है।
- अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी ने भरोसा दिलाया था कि इस प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। तब इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा था- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी।
सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। उस वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। UAE और बहरीन समेत चार अरब देशों ने इजराइल को मान्यता दी थी। (फाइल)
ट्रम्प की कामयाबी थी अब्राहम अकॉर्ड
- अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भरोसा दिलाया था कि इजराइल और सऊदी के डिप्लोमैटिक रिलेशन शुरू कराने के प्रोसेस में फिलिस्तीन के मुद्दों और हितों को ध्यान में रखा जाएगा। इजराइल-सऊदी मामलों के एक्सपर्ट सलाम सेजवानी ने कहा- सितंबर 2020 में अमेरिका ने अब्राहम अकॉर्ड कराया था। ये बहुत बड़ी कामयाबी थी।
- अब्राहम अकॉर्ड के वक्त डोनाल्ड ट्रम्प प्रेसिडेंट थे। उस वक्त UAE, बहरीन, मोरक्को और सूडान ने इजराइल को मान्यता दी। आज इजराइल और UAE के बीच डिफेंस और ट्रेड रिलेशन बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं।
- अमेरिका चाहता है कि I2U2 ग्रुप में सऊदी अरब भी शामिल हो। फिलहाल, इस ग्रुप में US, UAE, इजराइल और इंडिया हैं। इन्हीं देशों के नाम का पहला अल्फाबेट लेकर ग्रुप का नाम बना है।
- पिछले दिनों इजराइल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने कहा था- बहुत मुमकिन है कि 6 महीने में इजराइल और सऊदी अरब के डिप्लोमैटिक रिलेशन बहाल हो जाएं। पिछले हफ्ते खबर आई कि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल ही में दो बार सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से बातचीत की है।