अमित जायसवाल
खंडवा. इंसान और मूक प्राणियों के बीच प्यार और अपनत्व के कई नजारे आपने देखे होंगे, लेकिन हम आपको एक ऐसा नजारा दिखाने जा रहे हैं, जो अनोखा और अनूठा है. एक किन्नर ने बछिया के जन्म पर खुशियां मनाई थीं. अब उसकी मौत पर उसे अपने आंगन में ही दफना दिया, ताकि यह महसूस कर सके कि बछिया उसके आसपास ही है. बछिया ‘राधारानी’ की मौत के बाद उसे आंगन में दफनाया गया. उसे नम आखों से विदाई दी गई. दरअसल, किन्नर सितारा ने इस बछिया के जन्म पर खुशियां मनाई थी. अब जब एक हादसे में इस बछिया की जान चली गई, तो न सिर्फ सितारा दुःखी हैं. बल्कि पूरे मोहल्ले में शोक छाया हुआ है.
दो वर्षीय मृत गोवंश राधारानी का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कराया गया. बता दें कि दिवाली पर आतिशबाजी के बीच बछिया ने डर के मारे दौड़ लगाई और वो नाले में गिर गई थी. उसे मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया था. घायल बछिया का इलाज कराया गया, लेकिन फिर भी उसे बचा नहीं पाए. बछिया की मौत पर पंडित को बुलाकर विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार कराया गया. मोहल्ले के सभी लोग इस दुःख में शामिल हुए.
अभी भी 9 गाय और 2 बछड़े
खंडवा के सूरजकुंड स्थित रेलवे कॉलोनी की रहने वाली सितारा किन्नर है. उसे शगुन में रुपयों के साथ अनाज के अलावा कई बार गोवंश का दान भी मिला. इन्हीं में से एक गाय से जन्मीं बछिया का नाम राधारानी रखा गया था. तब सितारा ने परिवार और मोहल्ले वालों के साथ बछिया का जन्मदिन मनाया था. अब उसकी मौत पर वह दुखी है और इसीलिए इंसानों की तरह राधारानी का अंतिम संस्कार किया. अब सितारा के पास दो साल की राधारानी की मां गोरा और भाई भोला के साथ ही 9 गाय और 2 बछड़े हैं.
सितारा ने लोगों से की अपील
वहीं सितारा का कहना है कि आंगन में राधारानी की समाधि बनाने के साथ ही उसके सामने अब कुलदेवी का मंदिर भी बनवाएंगे. सितारा ने लोगों से निवेदन करते हुए कहा कि यदि किसी गौमाता की मृत्यु हो जाती है तो उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाया जाए. उनका कहना है कि गौमाता की मौत के बाद उसका शव खुले में पड़े रहने से चील-कौए व कुत्ते नोंच-नोंच कर खाने लगते है. ऐसा न होने दे और उसका अच्छे से अंतिम संस्कार करें.
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FIRST PUBLISHED : December 1, 2023, 12:51 IST