अभिलाष मिश्रा/इंदौर: मां अहिल्याबाई की पावन नगरी लालबाग इंदौर में चल रहे वेदलक्षणा गौ श्रद्धा महा महोत्सव में शुक्रवार को गौ कथा के समय शाम 4 बजे गोमाता अन्नकूट महोत्सव संपन्न हुआ. इसमें लगभग 250 गायों के शाही भोजन की सेवा का आयोजन किया गया. इसमें गौ माता के लिए 56 भोग का प्रबंध किया गया.
बता दें की इस 56 भोग में विभिन्न प्रकार की सब्जियां जिनकी मात्रा 108 किलो रही, फलों में विभिन्न प्रकार के फल, जिनकी भी मात्रा 108 किलो रही. साथ ही विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स भी छप्पन भोग में शामिल रहे, इनकी भी मात्र 108 किलो रही. इनके अलावा 56 भोग में विभिन्न औषधियां और मिलेट्स भी शामिल रहे.
छप्पन भोग में खिलाए गए ड्राई फ्रूट्स
यहां छप्पन भोग में काजू, किशमिश, बादाम आदि विभिन्न प्रकार के ड्राई फ्रूट्स शामिल रहे. वहीं छप्पन भोग में जो औषधियां शामिल रहीं, उनमें शतावरी और अश्वगंधा रही. मिलेट्स में ज्वार, बाजरा, मक्का आदि परोसा गया. वहीं, 56 भोग में शामिल फलों में अनार, तरबूज, सेव, पपीता आदि फल रहे. बता दें की इंदौर के लाल बाग पैलेस में विशाल नव दिवसीय गौ महोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम नियमित आयोजित किए जा रहे हैं. इन्हीं कार्यक्रमों के अंतर्गत गौ माता के लिए विशेष 56 भोग का कार्यक्रम भी शुक्रवार को आयोजित किया गया.
इसलिए गाय को लगाया जाता है छप्पन भोग
गोपालानंद सरस्वती ने बताया कि भारतीय गाय हम सभी की माता है. वेद शास्त्र और पुराण सभी बार-बार गौ माता की महिमा को गाते हैं. स्वयं भगवान कृष्ण को भी गाय अत्यंत प्रिय थी. यही कारण है कि भगवान कृष्ण का नाम भी गोपाल पड़ा. गाय में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है, इसलिए गाय को छप्पन भोग लगाया गया है. गाय को छप्पन भोग लगाने से संपूर्ण राष्ट्र में संपन्नता आती है. साथ ही राष्ट्र की सुख और समृद्धि बनी रहती है.
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FIRST PUBLISHED : October 13, 2023, 20:16 IST