इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 2 बार नाम दर्ज, अब दिवाली पर करेगा धमाका ये शख्स

दिलीप चौबे, कैमूर. बिहार के कैमूर जिला अंतर्गत भगवानपुर प्रखंड के मझियाव गांव के रहने वाले अमरीश तिवारी उर्फ अमरीश पुरी इंडिया बुक का रिकॉर्ड में दो बार अपना नाम दर्ज कर चुके हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले अमरीश चौथी कक्षा से ही पेंटिंग बना रहे हैं. जब सपनों को जब पंख लगा तो कला और शिल्प के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल करते हुए जिला ही नहीं बल्कि बिहार के कई जिलों में अपने नाम का परचम लहरा चुके हैं. अमरीश के हाथ से उकेरी गई कलाकृतियां कैमूर के कई पर्यटन स्थलों पर लगा हुआ है.

करकटगढ़ जलप्रपात के अलावा सदर थाना भभुआ में बनाए गए मदर ऑफ इंडिया का स्टैचू, राजेंद्र सरोवर में बनाई गई पेंटिंग के साथ हीं अपनी टीम के साथ बक्सर और पटना में भी वॉल पेंटिंग का जोहर दिखा चुके हैं.

900 वर्ग फीट का तिरंगा का बनाया रिकॉर्ड
अमरीश ने बातचीत के क्रम में बताया कि दो बार इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर रह चुके हैं. पहली बार 26 जनवरी को धान की भूसी से 900 वर्ग फीट का तिरंगे की रंगोली बनाया था तब इंडिया बुक का रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ था. धान की भूसी से इसलिए बनाया था, क्योंकि कैमूर धान का कटोरा कहा जाता है.

दूसरी बार इको फ्रेंडली राखी बनाया था और यह भी इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था. वहीं 15 अगस्त को धान की भूसी से गांधी जी की तस्वीर को बनाया था. जिसको देखकर कैमूर के डीएम भी प्रभावित हुए थे. अमरीश ने बताया कि सुविधाओं का अभाव है. अगर जिला प्रसाशन ध्यान दे तो कलाकृति के क्षेत्र में जिला के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं.

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गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने का प्रयास
अमरीश ने बताया कि अभी तो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ है. बहुत जल्द गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होगा. इसके लिए प्रयासरत हैं. लोगों से यही कहना है की परंपरगत पढ़ाई के साथ हीं कलाकृति के क्षेत्र में भी करियर बना सकते हैं. इसलिए बच्चों को भी नि:शुल्क शिक्षा दे रहे हैं ताकि वे आगे बढ़कर इस क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर सके. जिले में तीन बार सात दिवसीय प्रदर्शनी लगा चुके हैं.

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इसमें बिहार के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश से भी कलाकार शामिल हुए थे. इसके अलावा दो बार राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का भी आयोजन कर चुके हैं. पहली बार जब पेंटिंग की दुनिया में कदम रखा तो किसी का सपोर्ट नहीं मिला. यहां तक कि परिवार का भी सहयोग नहीं मिला था. जब सफल हुआ तो सभी का सपोर्ट मिलने लगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काम करने का हसरत है. इस बार भी दीपावली में कुछ खास लेकर आ रहे हैं जो लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.

Tags: Bihar News, Kaimur, Local18, Success Story

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