आलोक कुमार/गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में भी किसान बड़े पैमाने पर खेती-किसानी करते हैं. हथुआ प्रखंड स्थित बड़ेया गांव के रहने वाले किसान सतीश कुमार पिछले पांच वर्षों से मौसम अनुकूल खेती कर रहे हैं और इससे अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.
सतीश का मानना है कि लोग खेती को घाटे का सौदा मान बैठे हैं. यह अक्सर सुनने को मिलता है कि खेती से किसान को मुनाफा नहीं हो पता है. लेकिन, ये सब मिथक है. किसान यदि प्लानिंग के तहत खेती करे तो कभी नुकसान की गुंजाइश हीं नहीं रहेगी. खेती के लिए समय के साथ प्रबंधन की भी जरूरत पड़ती है. जिस किसान ने इस मर्म को समझ लिया उनको फायदा छोड़कर कभी नुकसान नहीं हो सकता है.
प्लानिंग के साथ करेंगे खेती तो नहीं होगा नुकसान
सतीश कुमार ने बताया कि प्रबंधन और प्लानिंग के चलते हीं सफल किसान बन पाए हैं. एक फसल पर निर्भरता नहीं रहती है. सीजनल फसल की खेती कर कम समय में बंपर उत्पादन कर लेते हैं, जिससे अच्छी कमाई हो जाती है. उन्होंने बताया कि जब लॉकडाउन लगा तो बेरोजगार हो गया था. तब मन में ख्याल आया कि गांव में हीं रहकर कुछ करना चाहिए.
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इसके बाद गाय खरीद लिया और दूध की बिक्री करने लगा. इससे जो फायदा हुआ उसको कृषि कार्य में लगा दिया. उन्होंने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली में बहुत सारे आयाम होते हैं. जिसमें मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी शामिल है. जिला स्तर पर इसका प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
सालाना पांच लाख से अधिक की होती है कमाई
सतीश ने बताया कि गो-पालन के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों की मदद से केला की बागवानी प्रारंभ किया. इसके बाद तालाब खुदवाकर मछली पालन शुरू किया. इसके अलावा आम और अमरूद के भी पेड़ है, जिससे अच्छी आमदनी प्राप्त होती है. उन्होंने बताया कि सीजनल सब्जी की भी खेती करते हैं. सबसे अधिक कमाई सीजनल सब्जी की खेती से होती है. सब्जी के खेती से रोजाना हाथ में पैसा आता है. उन्होंने बताया कि समेकित कृषि प्रणाली के जरिए सालाना 5 लाख से अधिक की कमाई कर लेते हैं.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 20:15 IST