इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर शुरू की केले की खेती, बदल गई किस्मत, अब सालाना हो रही है तगड़ी कमाई

नीरज कुमार/ बेगूसराय: लॉकडाउन ने कई नौकरी पेशे वाले लोगों को बेरोजगार कर दिया तो कई लोगों को आत्मनिर्भर बनने की वजह भी समझा गया.आज हम बिहार के बेगूसराय जिला स्थित बरियारपुर गांव के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर सुशांत सिंह के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अपने गांव के इकलौते ऐसे किसान हैं जो केला की बागवानी कर मोटी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी बागवानी योजना का लाभ नहीं मिला. इसके बावजूद अपनी मेहनत के दम पर किसान सुशांत सिंह युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं.

बरियारपुर गांव निवासी सुशांत सिंह ने बताया कि दिल्ली में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का काम करते थे. इस दौरान हाजीपुर के साथियों ने बताया कि केला की बागवानी से अच्छी आमदनी प्राप्त होती है. उच्च क्वालिटी के केले का उत्पादन करते हैं तो इसकी डिमांड हमेशा रहती है. हाजीपुर का केला पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. दोस्तों से मिली सलाह के बाद गांव में केला की बागवानी शुरू की. 2021 में जब पहली बार डेढ़ एकड़ में केला लगाया तो गांव वाले ताना मारते थे कि अच्छी नौकरी छोड़कर ज़िंदगी बर्बाद कर रहा है. लेकिन, जब केला की बागवानी कर इलाके में अपनी पहचान बनाई तो लोग अब केला की बागवानी सीखने के लिए आने लगे. वहीं 2024 के जनवरी तक सुशांत अपने इलाके के इकलौते केला उत्पादक किसान बने हुए हैं.

लाखों में हो रही है इनकम
सुशांत सिंह ने बताया महाराष्ट्र के जलगांव से G-9 वैरायटी के केले का टिशू कल्चर लाकर अभी चार एकड़ में केला की बागवानी कर रहे हैं. पूरी खेती के दौरान लगभग चार लाख का लागत आया. अपनी कमाई का जिक्र करते हुए सुशांत नें बताया कि वर्ष 2022-2023 में डेढ़ एकड़ में लगे केला को पटना की मंडी में 18 रुपए किलो के हिसाब से बेचा तो 6 लाख प्राप्त हुआ. इस दौरान लागत एक लाख थी. इतनी अधिक आमदनी को देख इस बार 4 एकड़ में खेती कर रहे हैं. वहीं इनके खेत में संजीव कुमार अपने तीन साथियों के साथ रोजाना काम कर रहे हैं.

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