आलू-प्याज नहीं….यहां बनाए जाते जंगली पत्तों के पकौड़े, खाते ही घूम जाएगा सिर

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. चाय के साथ कुरकुरे पकौड़ों का स्वाद भला कौन नहीं लेना चाहेगा. लेकिन, बार-बार एक ही तरह के पकौड़े खाकर लोगों का जी भर जाता है. ऐसे में यदि आप कुछ नया ट्राई करना चाहते हैं, तो आज हम आपको बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के वन क्षेत्र में बनाए जाने वाले एक खास पत्ते के पकौड़े के बारे में बताने जा रहे हैं. इस पकौड़े की खासियत यह है कि इसका स्वाद बिलकुल अलग और इसे बनाने में किसी चीज को खरीदने की जरूरत नहीं है. आप किसी भी खेत से इन विशेष पत्तियों को तोड़कर ला सकते हैं और घर पर स्वादिष्ट पकौड़े बना सकते हैं.

जिले के बगहा-2 प्रखंड के तरवलिया गांव में कुछ ऐसे ही अजीबो गरीब मगर बेहद स्वादिष्ट व्यंजन और स्नैक्स बनाए जाते हैं. इनमें से ही एक है जंगली पत्ते का पकौड़ा. गांव में हर जगह ये पत्ते आसानी से मिल जाते हैं. अच्छी बात यह है कि इसे खरीदने के लिए पैसे खर्च करने की आवश्यकता नहीं होती है. यदि आप आलू प्याज या अन्य सब्जियों के पकौड़े खाकर ऊब चुके हैं, तो आपको इस जंगली पत्ते का पकौड़ा जरूर ट्राई करना चाहिए. जंगली पत्ते से पकौड़े को बनाने और इस खास पत्ते की विशेष जानकारी के लिए हमने गांव के ही मूल निवासी कन्हैया दुबे से बात की. कन्हैया दुबे बेहतरीन रसोइया हैं और पिछले 35 वर्षों से लजीज खाना बनाने का काम करते हैं.

वन क्षेत्र के लोगों की है पहली पसंद
कन्हैया दुबे ने बताया कि जिस पत्ते को गांव में जंगली पत्ते के नाम से जाना जाता है, दरअसल उसे अरुवा का पत्ता कहा जाता है. गांव की तुलना में शहरों में ये पत्ते बहुत कम मिलते हैं. इन पत्तियों का आकार अलग होता है. इनका इस्तेमाल पकौड़े के रूप में किया जाता है.

इसके पकौड़े बनाने के लिए सबसे पहले पत्तियों को अच्छे से धो लिया जाता है. फिर उसे तैयार बेसन में लपेट कर गर्म तेल में फ्राई किया जाता है. देखा जाए तो, आलू और प्याज के पकौड़ों को तैयार करने वाली विधि से ही इस जंगली पत्ते के पकौड़े को भी तैयार किया जाता है. इसका स्वाद भी अन्य पकौड़ों से बिल्कुल अलग और कुरकुरा होता है. खास बात यह है कि जिले के वनवर्ती क्षेत्र के लोग इस जंगली पत्ते के पकौड़े खूब खाते हैं.

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