अमित कुमार /समस्तीपुर. किसान अब सीजन खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, इसमें कम लागत में अधिक मुनाफा होता है. साथ ही इसको रखने की भी झंझट नहीं होती है. समस्तीपुर में एक ऐसे ही किसान हैं जो बैगन की खेती करते हैं. समस्तीपुर के विद्यापतिनगर प्रखंड के रहीमपुर खेसराहा गांव के किसान मो. मनिब बताते हैं कि किसान अब लगातार नगद आमदनी वाली खेती की ओर भागने लगे हैं. जिस खेत में आलू मक्का की खेती होती थी, उसमें किसान अब बैगन की खेती कर हर महीने लाखों रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं. कम लागत में अच्छा मुनाफे वाला विकल्प बैगन की खेती को माना जाता है.
किसान मो. मनिब बताते हैं कि उन्होंने 6 साल पहले आलू-मक्के की खेती किया करते थे, लेकिन आलू की कीमत 4- 5 रुपये किलोग्राम हो जाने की वजह से काफी नुकसान सहना पड़ा. इसके बाद बैगन की खेती शुरू की. पिछले 6 साल से 1.5 एकड़ खेतों में बैगन की खेती करता हूं. उन्होंने बताया कि आलू बेचने में भी काफी परेशानी होती थी, लेकिन बैगन में ऐसी बात नहीं है. यह खेत से टूटते ही बाजार में आसानी से बिक जाता है. मैं खुद स्थानीय हाटपर ले जाकर बेच लेता हूं. उन्होंने बताया कि 1.5 एकड़ खेतों में हर तीन दिनों पर 10 से 12 क्विंटलका उत्पादन हो जाता है. वर्तमान समय में कीमत की बात करें तो 10 से ₹15 प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक जाता है. हर तीन दिन में खर्च काट कर 12000 से 15000 रुपए का मुनाफा भी हो जाता है.
कभी भी खेत नहीं रहता है खाली
किसान मो. मनिब ने बताया कि मैं खेत को कभी खाली रहने नहीं देता हूं. मार्च-अप्रैल तक बैगन का पौधा खेत से हटा दिया जाएगा. बैगन का पौधा हटते ही परवल निकालना शुरू हो जाएगा. जिसके लिए अभी से ही बैगन वाले खेत में परवल का पौधा लगा दिया है. उन्होंने बैगन के साथ-साथ परवल का भी पौधा लगाया है. बैगन की खेती बंद होते ही परवलकी खेती शुरू हो जाएगी. उक्त गांव में इतने बड़े पैमाने पर बैगन की खेती करने वाले इकलौता किसान हैं.
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FIRST PUBLISHED : January 9, 2024, 18:27 IST