आलू की फसल में लग रहे सूखता बीमारी से किसान ऐसे करें बचाव, यह वैज्ञानिक टिप्स

विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : बिहार के पूर्णिया में आलू की खेती बृहद पैमाने पर होती है.तो वहीं यहां के किसान आलू मक्का और धान की फसलों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं. ऐसे में पूर्णिया में सहित सीमांचल के इलाकों में भी आलू की खेती बृहद पैमाने पर की जाती है. इस बार आलू की खेती कर रहेकिसान कपिल देवने बताया कि उनकी आलू की खेती हर वर्ष ठीक होती थी. लेकिन इस वर्ष आलू के पौधे आने के बाद उसमें सूखता की बीमारी लग रही है. जिसका असर पड़ने से आलू के पौधे का जड़ काला हो जाता है.

पौधे अपने आप ही सूख कर गिर जाते हैं. पौधे के पत्ते भी सिकुड़ जाते हैं. जिस कारण आलू के पौधे पूरी तरह बर्बाद हो रहा है. ऐसे में किसानों के लिए काफी टेंशन बन रहा है. पर इस कृषि वैज्ञानिक ने सलाह दी है. इसको अपनाकर किसान अपने नुकसान को कम कर सकते हैं.

कृषि वैज्ञानिकों ने दी किसानों को यह सलाह

आलू की खेती कर रहे हैं किसान के खेत पर कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ के वरीय वैज्ञानिक डॉ.के.एम. सिंह ने पहुंचकर आलू के फसलों की जांच की. किसान को सूखता बीमारी से बचाव की जानकारी दी. इन बीमारी से फसलों को कैसे बचा सकते हैं, उनकी भी उन्होंने पूरी तरह जानकारी दी. उन्होंने कहा कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर के. एम. सिंह कहते हैं कि किसान भाई आप देख रहे हैं कि अभी आलू का फसल तैयार हो रहा है. आगे मुनाफा का इंतजार है. लेकिन अभी ऐसे ही आलू की फसल में सूखने वाली बीमारी सूखता बीमारी लग रही है.

हालांकि उन्होंने कहा कि यह एक फंगस वाली बीमारी है. जो एक पौधे दूसरे पौधे को संक्रमित कर उन्हें भी सूखा देता है. इस बीमारी में पौधे का जड़ काला हो जाता है और पौधे के पत्ते भी सिकुड़ने लगते हैं. जिसके बाद वायरस जड़ तक पहुंचकर पौधा को संक्रमित कर देता है. जिससे आलू के पौधे पूरी तरह सूखकर गिर जाते हैं.

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आलू को सूखता बीमारी से बचाने के लिए बुआई के समय करें काम…

वैज्ञानिक कहते हैं कि इस बीमारी से आलू को बचाने के लिए बुआई के समय करने पर इस बीमारी से फसलों को निजात मिलता है. उन्होंने कहा इसका उपाय पहले बीज लगाते समय ही उपचार कर लेना चाहिए. उसमें रेडोमिल गोल्ड दवाई जेल दवाई का घोल बनाकर उसे बीज उपचार कर लगाना चाहिए. जिससे सूखता बीमारी लगने की संभावनाएं कम रहती है.

हालांकि यह सूखता बीमारी आलू के पौधों में लगता है. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए आलू की फसलों की बुवाई करते समय ही इनका उपचार करें. समय-समय पर इसका स्प्रे करें तो निश्चित तौर पर सूखता बीमारी से किसान भाइयों को निजात मिलेगी. आलू की अच्छी उपज होगी.

सूखता बीमारी लगने पर करें इन दवाइयों का छिड़काव

उन्होंने कहा की आलू के पौधे मे अगर सुखता बीमारी लगती है, तो ऐसे में किसान भाइयों को अपने फसलों पर Cymoxanil Gel दवाई को 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर लगातार 7 दिनों के अंतराल पर छिडकाव करें. निश्चित ही आपको आपके आलू के पौधे में लगने वाली बीमारी से निजात मिलेगा. याद रहे छिडकाव के बाद सूखे पौधे को कॉलम से निकालकर फेक दे. नहीं तो दूसरे पौधे को संक्रमित कर सकते हैं.

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