के. जी. प्रसाद नामक किसान ने पिछले साल निगम से 60 हजार रुपये का कर्ज लिया था। बयान के अनुसार मंत्री के निर्देशानुसार, निगम अधिकारियों ने किसान के घर जाकर उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी। प्रसाद द्वारा कथित तौर पर लिखा सुसाइड नोट भी मिला था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वाम सरकार तथा कुछ बैंक उसकी मौत के लिये जिम्मेदार हैं। इस पत्र के सामने आने के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।
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