आरक्षण तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक… RSS चीफ मोहन भागवत का बड़ा बयान

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को कहा कि जब तक समाज में भेदभाव है तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भेदभाव अदृश्य होते हुए भी समाज में मौजूद है.

उन्होंने कहा, “हमने अपने ही साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा. हमने उनकी परवाह नहीं की और यह 2000 वर्षों तक जारी रहा. जब तक हम उन्हें समानता प्रदान नहीं करते, तब तक कुछ विशेष उपाय करने होंगे और आरक्षण उनमें से एक है. इसलिए इस तरह का भेदभाव होने तक आरक्षण जारी रहना चाहिए. आरएसएस में हम संविधान में दिए गए आरक्षण को पूरा समर्थन देते हैं.”

आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, यह मामला सम्मान देने से जुड़ा है न कि केवल वित्तीय या राजनीतिक समानता सुनिश्चित करने के बारे में. उन्होंने कहा, “अगर समाज के जिन वर्गों को भेदभाव का सामना करना पड़ा, वे 2000 वर्षों तक पीड़ित रहे, तो हम (जिन्हें भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा) अगले 200 वर्षों तक कुछ परेशानी क्यों नहीं झेलनी चाहिए.”

मोहन भागवत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मामला जोरों पर है. राज्य के जालना जिले के एक गांव में करीब 40 वर्षीय मराठा नेता मनोज जारांगे, जो मराठा क्रांति मोर्चा छत्र समूह का हिस्सा, शिवबा संगठन से संबंधित हैं, आरक्षण की मांग को लेकर 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर हैं. सरकार अब तक जारांगे से दो बार संपर्क कर उनसे अनशन वापस लेने का आग्रह कर चुकी है, लेकिन उन्होंने पीछे हटने से इनकार कर दिया है.

1 सितंबर की शाम को यह मुद्दा अचानक तब तूल पकड़ गया, जब पुलिस ने अंतरवाली सरती गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग के हवाले कर दिया गया था. पुलिस की सख्ती बड़े पैमाने पर जुलूस, प्रदर्शन, बंद, सड़क-अवरोध आदि के रूप में पूरे महाराष्ट्र में फैल गई, जिससे राज्य सरकार परेशान हो गई है.

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में जब देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे, तब महाराष्ट्र सरकार द्वारा मराठा समुदाय को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण प्रदान किया गया था, जिसे मई 2021 में उच्चतम न्यायालय ने अन्य आधारों के साथ कुल आरक्षण पर 50 प्रतिशत की छूट की सीमा का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था.

Tags: Maratha Reservation, Mohan bhagwat, Reservation

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