आयुर्वेद की अचूक चिकित्सा पद्धति है अभ्यंगा मसाज, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के लिए तो रामबाण

ईशा बिरोरिया/ ऋषिकेश:अभ्यंग क्रिया जिसे आम तौर पर अभ्यांग मसाज भी कहा जाता है, इसकी गिनती आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति में की जाती है. यह हमें शारीरिक और साथ ही मानसिक रूप से स्वास्थ्य रखने में मदद करती है. वहीं अगर आप ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारियों से परेशान है, तो यह उनसे मुक्ति पाने का भी रामबाण इलाज है. अभ्यंग क्रिया में पूरे शरीर को सिर से लेकर पैर तक मसाज दी जाती है, जिससे हमारा शरीर रिलैक्स महसूस करता है.

आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति ‘अभ्यंगा क्रिया’

लोकल 18 के साथ हुई बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित नीरज नेचर केयर की इंचार्ज और आयुर्वेदाचार्य प्रीति चक्रवर्ती बताती हैं कि अभ्यंग क्रिया आयुर्वेद की प्रसिद्ध चिकित्सा पद्धति में से एक है. इसके कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं हैं, साथ ही साथ यह कई सारी बीमारियों में असरदार साबित होती है. अगर आप शुगर, बीपी या फिर यूटरस के किसी रोग से पीड़ित हैं, तो अभयंग क्रिया उसमें भी आराम पहुंचाती है. इसमें आपके सिर से लेकर पैर तक गर्म तेल की मसाज या फिर पोटली मसाज दी जाती है, जिससे हमारा शरीर और हमारा मन शांत होता है और हम तनाव मुक्त महसूस करते हैं.

जड़ी बूटियों से बने तेल से की जाती है मसाज

प्रीति बताती हैं कि अभ्यंग क्रिया में आम तौर पर तेल या फिर पोटली से मसाज दी जाती है. यह तेल जड़ी बूटियों से बनाया जाता है. साथ ही इन पोटलियों के अंदर भी जड़ी बूटी भरी होती है. तेल से मसाज देते समय उसे हल्का गर्म करके पूरे शरीर को मसाज दी जाती है, जिससे हमारा शरीर काफी रिलैक्स महसूस करता है. वहीं पोटली से मसाज देते समय पोटली को गर्म किया जाता है और फिर मसाज दी जाती है, जिससे कि हम काफीशांत महसूस करते हैं. यह बिल्कुल कार के इंजन में तेल डालने जैसा है. जैसे नियमित तौर पर कार के इंजन में तेल डालने से कार का इंजन सुचारू रूप से काम करने लगता है, वैसे ही ठीक तरीके से समय समय पर अभ्यंगा मसाज से बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है और कई सारे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं.

(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. LOCAL 18 किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18, UP news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *