आशुतोष तिवारी/ रीवा:सुंदरजा रीवा में पाया जाने वाला विशिष्ट किस्म का आम है. इसका स्वाद और सुगंध आम की अन्य किस्मों से बेहतर है. यह रीवा के सीमित क्षेत्र में पाया जाता है. इसकी पहचान बिल्कुल विशिष्ट है. यही वजह है कि इसे जी आई टैग भी मिल चुका है. इस आम के बाद एक विशेष अमरूद की वजह से भी रीवा की पहचान हो रही है इस अमरूद का नाम धारीदार अमरूद है.
मध्यप्रदेश के रीवा जिले की जमीन आम और अमरूद की खेती के लिए बेहद उपयुक्त है. सुंदरजा आम की तरह ही रीवा के कुछ अमरूद बेहद प्रसिद्ध हैं. रीवा के कृषि अनुसंधान केंद्र कुठुलिया में 80 से ज्यादा प्रजाति के अमरूद पर शोध कार्य चल रहा है. इन्ही अमरूद में रीवा की ही उत्पत्ति धारीदार अमरूद भी है. मध्य प्रदेश के स्टेट वैरायटी रिलीज कमेटी के द्वारा अमरूद के इस वैरायटी को अप्रूव किया गया है.
रीवा के पुराने बाग से इस प्रजाति को विकसित किया गया है
फल अनुसंधान केंद्र कठुलिया में पदस्थ कृषि वैज्ञानिक टी के सिंह ने कहा कि फल अनुसंधान केंद्र रीवा में अमरूद की 80 प्रजातियों पर शोध कार्य किया जा रहा है. सबसे ज्यादा फेमस यहां रीवा की ओरिजिन धारीदार अमरुद है. यहां के पुराने बाग से इस अमरूद का चयन करके इस वैरायटी को डेवलप किया गया है. मध्य प्रदेश सरकार के सामने जब हमने इस वैरायटी को प्रजेंट किया तो इसे स्टेट वैरायटी रिलीज कमेटी के द्वारा अप्रूव किया गया है. रीवा के लिए यह गर्व की यहां के सुंदर्जा आम के बाद यहां के अमरूद को भी पहचान मिल रही है.
क्या है इस अमरूद की खासियत
वैज्ञानिक टी के सिंह बताते है कि धारीदार अमरूद की खासियत यह है कि उसमे 6 धारियां होती है.इन्हीं धारियों की वजह से अमरूद दिखने में अच्छा लगता है. आम तौर पर अमरूद का बीज कठोर होता है लेकिन इसका बीज मुलायम है. इलाहाबादी सफेदा से भी ज्यादा इसका बीज सॉफ्ट है. इसलिए इस अमरूद को बेहद पसंद किया जाता है. इस अमरूद को सामान्य तापमान पर 7 से 8 दिनों तक रखा जा सकता है. इस फल का टीएसएस 11.5 है. इस फल का औसत वजन साढ़े 3 सौ ग्राम है.इस फल का भीतरी हिस्सा यानी गूदा सफेद रंग का है.इस वैरायटी के पौधे की उत्पादन क्षमता बहुत होती है. यदि 10 साल से ज्यादा का पौधा है तो कम से कम एक पौधे से एक कुंटल फल मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : January 4, 2024, 17:34 IST