शाहिद के पिता शेख नूर आलम ने बताया कि यह घटना 24 अप्रैल 2021 की है. उस वक्त शाहिद की उम्र महज 13 वर्ष थी. घटना के बाद परिवार का हर शख्स निराशा में चला गया था. लेकिन कुछ महीनों के बाद शाहिद ने अपनी जिंदगी पूरी तरह से बदल ली और परिवार सहित पूरे गांव के लिए एक मिसाल बना गया.
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