‘आपको विरोध करने का अधिकार तो है, लेकिन…’ किसानों को हाईकोर्ट की दो टूक

चंडीगढ़ : किसान संगठनों के राष्ट्रीय राजधानी तक विरोध मार्च के आह्वान से पहले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ शंभू सीमा पर डेरा डालने के लिए उन्हें फटकार लगाई और कहा कि राजमार्गों पर ट्रैक्टर-ट्रेलर का उपयोग नहीं किया जा सकता.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जी.एस. संधावालिया और न्यायमूर्ति लापीता बनर्जी की पीठ ने इतनी बड़ी संख्या में किसानों को एकत्र होने की अनुमति देने के लिए पंजाब सरकार से सवाल किया.

पीठ ने टिप्पणी की, “मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, आप राजमार्ग पर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का उपयोग नहीं कर सकते. आप ट्रॉलियों पर अमृतसर से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं.”

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न्यायमूर्ति संधावालिया ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में एकत्र न हों, क्योंकि “उन्हें विरोध करने का अधिकार तो है, लेकिन यह उचित प्रतिबंधों के अधीन है.”

'आपको विरोध करने का अधिकार तो है, लेकिन...' आंदोलनकारी किसानों को हाईकोर्ट की दो टूक, आपत्ति भी जताई

सुनवाई के दौरान उन्होंने किसानों के विरोध प्रदर्शन के लिए ट्रैक्टर और ट्रॉली में यात्रा करने पर भी आपत्ति जताई.

अदालत वकील उदय प्रताप सिंह द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि 13 फरवरी से सड़क नाकाबंदी से न केवल निवासियों को असुविधा हो रही है, बल्कि एम्बुलेंस, स्कूल बसों और पैदल यात्रियों की आवाजाही में भी बाधा आ रही है.

Tags: Farmers Delhi March, Farmers Protest, Haryana news, Kisan Andolan

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