“आपको बाहर फेंका जा सकता है”: आत्मकथा पर विवाद से पहले ISRO चीफ ने NDTV से ऐसा क्यों कहा था?

इसरो चीफ एस सोमनाथ की आत्मकथा नहीं होगी प्रकाशित

नई दिल्ली:

भारतीय अनुसंधान संगठन (ISRO) चीफ एस सोमनाथ (ISRO Chief S Somnath Biography) ने अपनी बायोग्राफी को पब्लिश करने का प्लान कैंसिल कर दिया है.उन्होंने यह फैसला एनडीटीवी को एक महीने पहले दिए उस इंटरव्यू के बाद लिया है, जिसमें उन्होंने खुद को इसरो से बाहर निकEले जाने की आशंका जताई थी और कहा था कि उन्होंने अपने करियर में बड़ी चुनौतियों का सामना किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एस सोमनाथ की आत्मकथा में पूर्व इसरो चीफ के सिवन पर कई कथित गंभीर आरोप हैं, इस पर बढ़ते विवाद के बीच उन्होंने आत्मकथा को पब्लिश न करने का फैसला लिया है. 

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मैंने बहुत चुनौतियों का सामना किया-ISRO चीफ

इसरो चीफ ने चंद्रयान 3 की सफलता के बाद सितंबर में एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “ऐसा मत सोचो कि मेरे जीवन में मेरे लिए सब कुछ अच्छा था.मुझे अपने व्यक्तिगत और ऑफिशियल लाइफ में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. आपको (स्वयं का जिक्र करते हुए) किसी संगठन से बाहर निकाला जा सकता है.आपकी स्थिति को खतरा हो सकता है (और) कभी-कभी आपके साथ बहुत सम्मानपूर्वक व्यवहार भी नहीं किया जाता है.” एस सोमनाथ ने कहा था कि उनकी आलोचना की गई थी और उनकी क्षमता पर भी सवाल उठाए गए थे, लेकिन उन्होंने खुद को कुछ लोगों की “मूर्खतापूर्ण हरकतों” से ऊपर उठना सिखाया.

एस सोमनाथ ने कहा कि उनसे कहा जाता था कि वह इसरो चीफ भी भूमिका के लिए उपयुक्त व्यक्ति नहीं हैं. लेकिन उन्होंने हमेशा इन मूर्खतापूर्ण चीजों से ऊपर उठने के बारे में सोचा. इसरो चीफ ने कहा कि जब आपका आत्मविश्वास ऊपर पहुंच जाता है तो इस तरह के लोगों का का मुस्कुराकर सामना किया जा सकता है और इनकी हरकतों को  नजरअंदाज किया जा सकता है.

मैने किसी खास व्यक्ति को नहीं बनाया निशाना’

इसरो प्रमुख ने शनिवार को कहा कि उन्होंने विवाद की वजह से आत्मकथा ‘निलावु कुदिचा सिम्हंगल’ (जिसका अनुवाद ‘लायंस दैट ड्रंक द मूनलाइट’ है) का प्रकाशन वापस लेने का फैसला किया है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की खास रिपोर्ट के मुताबिक सोमनाथ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचने के लिए कुछ चुनौतियों से गुजरना पड़ता है. इसरो चीफ उस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें दावा किया गया था कि उनकी आत्मकथा में के सिवन के बारे में कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियां हैं.

इस पर इसरो चीफ ने कहा कि मुख पदों पर बैठे लोगों को कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है. उनमें एक संगठन में पद पाने के मामले में चुनौती भी शामिल है. उन्होंने कहा कि एक से ज्यादा लोग किसी महत्वपूर्ण पद के लिए पात्र हो सकते हैं. मैंने बस उस विशेष बिंदु को सामने लाने की कोशिश की, मैने किसी खास व्यक्ति को निशाना नहीं बनाया है. एस सोमनाथ ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपनी किताब में इस बात का भी जिक्र किया है कि चंद्रयान -2 मिशन की विफलता की घोषणा के संबंध में स्पष्टता की कमी थी. हालांकि, उन्होंने दोहराया कि उनकी आत्मकथा लोगों को प्रेरित करने की एक कोशिश है, इसका मकसद किसी भी की आलोचना करना नहीं है. 

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