आपका हीरा असली है या नकली? ऐसे करें घर पर ही पहचान, कभी नहीं खाएंगे धोखा!

आशीष कुमार/पश्चिम चम्पारण. अक्‍सर लोग दिवाली और छठ के समय सोने, चांदी या फिर डायमंड के जेवरात खरीदना पसंद करते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में सर्राफा बाजार में अक्सर पाई पाई करके जमा की गई राशि मिनटों में मिलावटी गहनों की वजह से ठग ली जाती है. सोने-चांदी तो दूर, अब तो हीरे जैसी बेशकीमती चीजों को भी मिलावट के रंग में रंग दिया जाता है. ऐसे में आज हम आपको हीरे की शुद्धता को परखने का कारगर तरीका बताने जा रहे हैं, जिसे फॉलो कर आप ठगी से बच सकते हैं. खास बात यह है कि सोने की तरह ही हीरे को भी कई भागों में बांटा गया है, जो कि उसकी शुद्धता के पैमाने को दर्शाता है.

बेतिया के हजारीमल धर्मशाला स्थित नंदनी ज्वेलर्स के प्रोपराइटर मुनेश्वर आर्य ने बताया कि जिस प्रकार सोने को कैरेट के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा गया है. ठीक उसी प्रकार हीरे को भी उसकी शुद्धता के अनुसार 4 भागों में बांटा गया है. इनमें सबसे खास वीवीएस होता है. इसके बाद नंबर वीएस का आता है. जबकि तीसरे नंबर पर एसआईजीएच और चौथे पर एसआईआइजे है. यही नहीं, कैटेगरी के अनुसार ही इसकी कीमत भी 1.10 लाख से लेकर 60 हजार रुपये प्रति कैरेट तक है.

गर्म माहौल में बनता है हीरा
बता दें कि हीरा एक पारदर्शी रत्न है. यह रासायनिक रूप से कार्बन का सबसे शुद्ध रूप है, इसलिए इसे कार्बन का अपरूप भी कहते हैं. यदि हीरे को 763 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाए, तो यह जलकर कार्बन डाईऑक्साइड बना लेगा. इसमें बिल्‍कुल भी राख नहीं बचेगी. वैज्ञानिकों की मानें तो हीरे जमीन से लगभग 160 किलोमीटर नीचे बेहद गर्म माहौल में बनते हैं. ज्वालामुखीय गतिविधियां इन्हें ऊपर की ओर लाती है. अमेरिका के जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के शोध के मुताबिक, बेहद गहराई से निकलने वाले हीरे रासायनिक रूप से शुद्ध होते हैं. जबकि फैक्ट्री में बनाए जाने वाले हीरे चमकीले और पूरी तरह से कठोर होते हैं.

ऐसे करें शुद्धता की पहचान
मुनेश्वर आर्य ने बताया कि कोई भी व्यक्ति हीरे खरीदते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि डायमंड IGI सर्टिफाइड हो. जिस प्रकार एक खास हॉलमार्क देखकर सोने की खरीदारी की जाती है, ठीक उसी प्रकार हीरे की खरीदारी के समय इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट का सर्टिफिकेशन (IGI) अनिवार्य रूप से देखें. साथ ही बताया कि असली हीरे के अंदर की बनावट ऊबड़ खाबड़ होती है, लेकिन कृत्रिम हीरा अंदर से सामान्य दिखता है. असली हीरे में कुछ न कुछ खांचे होते हैं, जो माइक्रो स्कोप की मदद से देखे जा सकते हैं. इसके अलावा आप हीरे को अखबार पर रखें और उसके पार से अक्षरों को पढ़ने की कोशिश करें. अगर आपको लकीरें टेढ़ी दिखे, तो इसका मतलब हीरा अशुद्ध या नकली है.

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