सौरभ तिवारी/बिलासपुर : बड़े ही नहीं बल्कि बच्चों में भी आजकल तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है, आमतौर पर बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर चिंता में रहते हैं. जिसके कारण उन्हें एक प्रकार का डर लगने लगता है कि परीक्षा में क्या होगा और कैसे वो अपनी पढ़ाई को पूरा कर पाएंगे. कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिसमें ये देखा गया है कि जब बच्चे पढ़ाई को लेकर ज्यादा सोचने या परेशान होने लगते हैं तो वो मानसिक रूप से बीमार रहने लगते हैं.
कुछ तो आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. तो वहीं कई बार उनके जीवन में कुछ पर्सनल चीजें भी होती हैं, जो उन्हें परेशान करती हैं. तो हमने इन्हीं बिंदुओं पर बाल मनोरोग विशेषज्ञ डॉ गार्गी पांडे से चर्चा की जिन्होंने बच्चों से जुड़ी इन मानसिक परेशानियों के बारे में विस्तार से बताया.
तनाव के यह हो सकते हैं कारण
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. गार्गी पांडे ने बताया कि बच्चों के मानसिक तनाव के कई कारण हैं. जिनमें बच्चों को माता पिता का समय न मिलना, शिक्षकों का पूरा साथ नहीं मिल पाना, शारीरिक सक्रियता में कमी, स्क्रीन पर अधिक समय बिताना, अनियमित नींद, अधिक समय का अकेलापन होता है.
उन्होंने बताया कि बच्चों के व्यवहारों पर नजर रखना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि नींद की आदत में बदलाव, थकान महसूस करना, अकेले समय बिताना, दोस्तों या परिवार से दूर जाना, चिड़चिड़ापन या व्याकुलता, रुचि की कमीसोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट पर नजर रखें.
सोशल मीडिया पर रखें नजर
डॉक्टर गार्गी ने बताया कि अगर आपका बच्चा सोशल मीडिया पर परेशानी से भरे हुए या डार्क पिक्चर्स या पोस्ट करता है. या फिर ऐसे दुख भरे रील शेयर करता है या उसके व्यवहार में बदलाव आता है तो यह एक चिंता का विषय है और पेरेंस्ट होने के नाते आपको भी ध्यान देने की जरूरत है.
.
Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news, Local18
FIRST PUBLISHED : January 8, 2024, 15:57 IST