आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी…जितेंद्र आव्हाड ने प्रकाश अंबेडकर को लिखे पत्र में क्या कहा?

Prakash Ambedkar

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महाविकास अघाड़ी में 15 सीटों पर सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (ठाकरे गुट) के बीच विवाद चल रहा है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि शिवसेना (ठाकरे गुट) और एनसीपी-शरद चंद्र पवार पार्टी के बीच 9 सीटों पर विवाद है और सीट आवंटन को लेकर घटक दलों को तुरंत समन्वय बनाना चाहिए।

महा विकास अघाड़ी और वंचित बहुजन अघाड़ी में अभी तक सुलह नहीं हो पाई है। प्रकाश अंबेडकर कह रहे हैं कि हम अभी भी महाविकास अघाड़ी से बाहर हैं। क्या वंचित बहुजन अघाड़ी महा विकास अघाड़ी में शामिल होगी या नहीं अभी भी इस पर सवालिया निशान है। इसके अलावा प्रकाश अंबेडकर ने आज से सार्वजनिक बैठकें भी शुरू कर दी हैं। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी से बातचीत चल रही है, वे महा विकास अघाड़ी में हमारे साथ रहेंगे। अब एनसीपी शरद चंद्र पवार पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने एक पत्र जारी किया है। अब, जितेंद्र अवध ने ट्विटर पर एक पत्र लिखकर प्रकाश अंबेडकर से महाविकास अघाड़ी में शामिल होने का आग्रह किया है। 

जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा इस देश को दिये गये अमूल्य उपहार हैं। अगर इस संविधान से छेड़छाड़ हुई तो आने वाली पीढ़ी हमें कभी माफ नहीं करेगी। तो आइए जल्द से जल्द समान विचारधारा वाले दलों के साथ बैठक करके महाराष्ट्र में एक अलग संदेश देने की कोशिश करें! जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय भीम। बता दें कि प्रकाश अम्बेडकर ने दावा किया कि यदि वंचित लोग अपने दम पर लड़ेंगे तो वे कम से कम छह सीटों पर निर्वाचित होंगे। प्रकाश अंबेडकर ने यह भी कहा कि राज्य में 48 में से 15 ओबीसी उम्मीदवार होने चाहिए, कम से कम 3 उम्मीदवार अल्पसंख्यक समुदाय से होने चाहिए और घटक दलों को धर्मनिरपेक्ष मतदाताओं को आश्वस्त करना चाहिए कि हम अब भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।

महाविकास अघाड़ी में 15 सीटों पर सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (ठाकरे गुट) के बीच विवाद चल रहा है। प्रकाश अंबेडकर ने कहा कि शिवसेना (ठाकरे गुट) और एनसीपी-शरद चंद्र पवार पार्टी के बीच 9 सीटों पर विवाद है और सीट आवंटन को लेकर घटक दलों को तुरंत समन्वय बनाना चाहिए। अम्बेडकर ने अपील की कि ‘वाचिंट’ के कार्यकर्ता उनके किसी भी कार्यक्रम में न जाएँ क्योंकि ‘माविया’ के साथ अभी तक कोई गठबंधन नहीं हुआ है।

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