नकुल जसूजा/सिरसा.किसानी और खेती का जुनून ऐसा की सिरसा की नगरपरिषद में सचिव के पद पर रहे गुरशरण सिंह ने रिटायरमेंट से तीन साल पहले वीआरएस लेकर आधा एकड़ जमीन में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. जिसपर अब फल लगने शुरू हो गए हैं. किसान ने अपने इस बाग में 252 पौधे लगाए हैं. ड्रैगन फ्रूट की यह किस्म (क्रॉस ब्रीड) है. 18 माह में मीठे रसीले फ्रूट लगने लगे हैं. किसान गुरुशरण कहते हैं कि इससे उन्हें वार्षिक अनुमानित आय करीब 5 लाख रुपये होगी. अभी किसान इस फसल को न बेचकर अपने दोस्तों रिश्तेदार को खिला रहा है. गुरशरण सिंह किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हैं.
न्यूज़ 18 से बातचीत में गुरुशरण सिंह बताते हैं कि गांव रंगड़ी खेड़ा के रकबा में उनकी 10 एकड़ पुश्तैनी जमीन है.उसे बचपन से खेती का जुनून था.इसी बीच उसकी नगरपरिषद में सरकारी नौकरी लग गई. लेकिन रिटायरमेंट से तीन साल पूर्व उन्होंने वीआरएस ले लिया और 4 कनाल में ड्रैगन फ्रूट लगाने की सोची. उन्होंने साउथ अफ्रीका से (क्रॉस ब्रीड) किस्म के पौधे मंगवाए, जो 18 माह में फ्रूट देने लगे हैं. ट्रायल के दौरान देखा गया कि इसकी औसत पैदावार 80 किलोग्राम प्रति पौधा है .जिससे सीजनल उन्हे साढ़े 9 एकड़ के बराबर आमदनी होगी.
किसानों का लगा तांता
किसान गुरशरण सिंह के खेतों में लगे इस फ्रूट को देखने के लिए अन्य किसानों का तांता लगा रहता है.गुरुशरण सिंह बताते हैं कि अभी पहली फसल तैयार हुई है. फल लगने शुरू हो गए हैं. इस बार फसल को ना बेचकर वो अधिकतर फल दोस्तों और रिश्तेदारों को बांट रहे हैं.
परंपरागत खेती से आगे बढ़ने का समय
गुरशरण सिंह जो आज दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि अगर किसान परंपरागतखेती को छोड़कर कुछ नया करते हैं तो उनको ज्यादा मुनाफा हो सकता है.इसलिए किसानों को चाहिए की कुछ नया करते रहना चाहिए.
क्रॉस ब्रीड के ड्रैगन फ्रूट की खासियत
क्रॉस ब्रीड के ड्रैगन फ्रूट फल का औसत वज़न 150 ग्राम से एक किलोग्राम होता है. यह 51 दिनों में पकने वाली किस्म है, जिसके फल मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं. इसकी अन्य किस्मों से अलग पहचान इसी कारण होती है. डेंगू व कमजोर हडि्डयों के लिए ड्रैगन फ्रूट बेहद लाभकारी है. जोकि एंटीवायरल गुणों से हमारी इम्यूनिटी बूस्ट करता है.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 19:28 IST