आदि कैलाश को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान! PM मोदी के पिथौरागढ़ दौरे के बाद क्या पर्यटन में आएगी तेजी?

हिमांशु जोशी/पिथौरागढ़. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे के बाद आदि कैलाश देश ही नहीं बल्कि दुनिया में स्थापित हो गया है. आलम यह है कि अब सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी आदि कैलाश की तारीफ की है. बावजूद इसके आदि कैलाश का सफर अभी भी आसान नहीं है. यही नहीं इस इलाके को धार्मिक पर्यटन के नक्शे में स्थापित करने के लिए जरूरी सुविधाएं जुटाना पहली शर्त है. हालांकि 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे आदि कैलाश पहुंचकर पीएम मोदी ने बॉर्डर के इलाके को एक पहचान दी है.

पीएम ने आदि कैलाश के साथ ही पार्वती सरोवर के भी दर्शन किए थे. ये दोनों धार्मिक पर्य़टन स्थल पीएम की मौजूदगी के साथ ही पूरी दुनिया में चर्चित हो गए हैं. पीएम के दौरे के बाद बिग बी अमिताभ बच्चन ने भी आदि कैलाश को धार्मिक रहस्यों के भरपूर देवताओं वाला स्थान करार दिया है. साथ ही इसे रोमांच और आध्यात्म से भरपूर भी बताया है.

पर्यटन विभाग के लिए चुनौतियां बरकरार
ऐसे में तय है कि आदि कैलाश आने वाले दिनों में देश ही नही बल्कि दुनिया के सैलानियों की पहली पसंद बनने जा रहा है लेकिन सुविधाओं को लेकर यहां अभी भी एक नही बल्कि दर्जनों सवाल बने हुए हैं जो पर्यटन को आगे बढ़ाने में बाधा बने हुए हैं. यहां के पर्यटन कारोबारी पवन जोशी ने बताया कि इन इलाकों में पर्यटन बढ़ाने के लिए मूलभूत सुविधाएं जैसे सड़क, संचार, बिजली, स्वास्थ्य की जरूरत है, जिसके बाद ही यहां आने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी.

खतरनाक है ज्लोलिंगकांग का सफर
आदि कैलाश के दर्शनों के लिए ज्लोलिंगकांग पहुंचना जरूरी है. ज्लोलिंगकांग के लिए रोड तो है, लेकिन इस रोड पर सफर करना अभी भी मौत को दावत देने से कम नहीं है. हालात ये हैं कि धारचूला से लेकर गुंजी तक करीब 100 किलोमीटर के सफर में हर तरफ खतरा है. यही नहीं सैलानियों के ठहरने के लिए यहां एक अदद होटल तक नहीं है.

क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की कमी
चीन बॉर्डर के करीब का ये इलाका अभी भी बिजली-पानी और मोबाइल सेवा से कोसों दूर है. कुछ ऐसा ही हाल यहां हेल्थ सर्विस का भी है. इस इलाके में कहीं भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक नहीं है. पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी से जब इस संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि गुंजी को वाइब्रेंट विलेज में शामिल किया गया है. यहां पर सभी सुविधाएं पहुंचाने के लिए काम तेजी से किया जा रहा है.

क्या केंद्र सरकार का प्लान होगा कामयाब ?
केन्द्र और राज्य सरकार आदि कैलाश को मानसरोवर के विकल्प के रूप में पेश करने का प्लान बना रही है, लेकिन ये प्लान हकीकत में तब ही तब्दील होगा, जब यहां जरूरी सुविधाओं का ढांचा खड़ा हो पाएगा. ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि पीएम के दौरे बाद इस इलाके को मुख्यधारा में लाने की कोशिशें तेजी से परवान चढ़ेंगी.

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