आत्मनिर्भरता से ही तरक्की का रास्ता, प्रभासाक्षी के कार्यक्रम में बोले रक्षा विशेषज्ञ- सुरक्षा नीति में साइबर सिक्योरिटी बहुत महत्वपूर्ण है

नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में भारत के प्रमुख हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम ने ‘विचार संगम’ कार्यक्रम का आयोजन किया। परिचर्चा में रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। ‘रक्षा क्षेत्र में कितने आत्मनिर्भर बने हम’? इस परिचर्चा में पूर्व सैन्य अधिकारी और रक्षा मामलों के विशेषज्ञ शामिल हुए। लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) संजय कुलकर्णी ने कहा कि आत्मनिर्भर की बात होती है, कई ऐसे देश दुनिया में हैं जहां सुबह क्या हुआ और रात को क्याहोगा पता नहीं। अर्मेनिया, अजरबैजान, रूस-यूक्रेन, इजरायल-फिलिस्तीन में हम देख ही रहे हैं। युद्ध कब खत्म होगा इसका आंकलन मुश्किल है। इसका असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। रक्षा के मामले में देश को आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी है। आत्मनिर्भरता रक्षा के मामले ही नहीं एग्रीकल्चर, इंजीनियरिंग हरेक क्षेत्र में होना चाहिए। खासकर हमारे जो पड़ोसी हैं उनपर विश्वास नहीं किया जा सकता है। आत्मनिर्भता के लिए कई प्रयास किए गए हैं। आत्मनिर्भर भारत, मजबूत भारत होगा तभी तरक्की करेगा।  

चुनौतियां और रणनीति 

तकनीक हमेशा चलता रहेगा। इस देश में किसी चीज की कमी नहीं है। स्किल, पैसे सभी कुछ है। सायबर वारफेर, सर्विलेंस हरेक क्षेत्र में हमें आगे रहना है। देश कमजोर तब देखा जाता है जब वो लड़ाई के लिए तैयार नहीं होता है। कोई हमें उकसा रहा है उसे छोड़ना भी नहीं है। लड़ना नहीं बल्कि ये अहसास दिलाना है कि हमारे लिए कोई ऐसी बात नहीं करें जिससे हमें नुकसान हो। 

ब्रिगेडियर डीएस त्रिपाठी ने कहा कि  हमारी नीति 320 में चाणक्य ने लाई हैं। जो सात चीजें उन्होंने गवर्न करने के लिए बनाई है। आतंरिक सुरक्षा बहुत जरूरी है। सुरक्षा नीति में साइबर सिक्योरिटी बहुत महत्वपूर्ण है। नीति बनाना बहुत जरूरी है। हर नागरिक का कर्तव्य है देश की सुरक्षा। इजरायल के 22 गांव में हमास पहुंच गया था। अब उसने समीक्षा करके 436 चिन्हित किए। जिससे की फिर उसे दुरुस्त किया जा सके। 

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