नई दिल्ली: भारत ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों से संबंधित मामले में कतर की अदालत के फैसले पर गौर करने और इस विषय से जुड़ी कानूनी टीम तथा परिवारों के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद अगला कदम तय किया जाएगा. कतर की अपीलीय अदालत ने नौसेना के पूर्व कर्मियों को सुनायी गयी मौत की सजा को बृहस्पतिवार को कम कर दिया और उन्हें अलग-अलग अवधि के लिए जेल की सजा सुनाई गई.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में संवाददाताओं से कहा, ‘फिलहाल, फैसला देखने तक मेरे पास आपसे साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है.’ उन्होंने विभिन्न सवालों जवाब देते हुए कहा, ‘सजा कम कर दी गई हैं लेकिन जब तक हमारे पास विवरण नहीं होगा, मैं टिप्पणी नहीं करना चाहता. हम निश्चित रूप से कानूनी टीम और परिवार के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों को लेकर चर्चा करेंगे.’
समझा जाता है कि पूर्व नौसैनिकों को तीन साल से 25 साल तक की सजा सुनायी गयी है. बागची ने कहा, ‘हम आपसे एक बार फिर आग्रह करेंगे कि अटकलों पर ध्यान दें. भारतीयों और उनके परिवार के सदस्यों के हित हमारी सबसे बड़ी चिंता हैं.’
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘हम मामले की शुरुआत से उनके साथ खड़े हैं और हम उन्हें सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाते रहेंगे.”
नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनायी थी. सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित ‘दहारा ग्लोबल’ कंपनी के कर्मचारी थे. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था.
निजी कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. भारत ने इस सजा के खिलाफ पिछले महीने कतर में अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)