NIA: यह यकीन करना आपके लिए भी थोड़ा मुश्किल होगा, पर यह सच है कि हमारे में देश में आज भी औरतों की खरीदफरोख्त धड़ल्ले से चल रही है. इस खरीद फरोख्त के लिए लड़कियों को म्यांमार सहित विभिन्न देशों से बहला-फुसलाकर अवैध तरीके से भारत लाया जाता है. भारत लाने के बाद इन लड़कियों के लिए देश के विभिन्न राज्यों में गुप्त बाजार सजते हैं, जहां इन लड़कियों की बोली लगाई जाती है. अंत में, इन लड़कियों को सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले शख्स के हवाले कर दिया जाता है.
दरअसल, दिलोदिमाग को झकझोर देने वाला यह खुलासा बीते दिनों नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन मानव तस्करों से पूछताछ के बाद हुआ है. तीनों तस्करों की पहचान रबी इस्लाम उर्फ रबीउल इस्लाम, शफी आलम उर्फ सोफी अलोम उर्फ सईदुल इस्लाम और मोहम्मद उस्मान के रूप में हुई है. ये सभी आरोपी म्यांमार के माउंगडा जिले के स्थायी निवासी हैं. एनआईए ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है, जिसमें महिलाओं की तस्करी के साथ कई चौंकाने वाले बड़े खुलासे किए गए हैं.
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बांग्लादेश में शरण लेने वाली रोहिंग्या महिलाएं थी निशाने पर
एनआईए ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि इन तस्करों के निशाने पर बांग्लादेश में शरण लेने वाली रोहिंग्या महिलाएं होती थीं. आरोपी इन महिलाओं को रोहिंग्या पुरुषों के साथ शादी और बेहतर जिंदगी का झांसा देते थे. झांसे में फंसने वाली महिलाओं को दलालों की मदद से अवैध रूप से भारत में लाया जाता था. इसके बाद, गुपचुप तरीके से इन महिलाओं को उत्तर प्रदेश, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, हरियाणा आदि सहित राज्यों के विभिन्न शहरों तक पहुंचाया जाता था.
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रोहिंग्या महिलाओं के अवाला विदेशी नागरिकों की भी कराई घुसपैठ
जहां इन महिलाओं को बेच कर उनकी जबरन शादी करा दी जाती थी. एनआईए की अपनी चार्जशीट में यह भी खुलासा किया है कि आरोपियों ने इन रोहिंग्या महिलाओं के अतिरिक्त कई अन्य विदेशी नागरिकों की घुसपैठ भारत में कराई है. एनआईए की जांच में इस बात के भी सबूत मिले हैं कि रबी इस्लाम और मोहम्मद उस्मान ने अपनी असली पहचान छिपाने के लिए फर्जीवाड़ा कर आधार कार्ड हासिल किए. बाद में, इन आधार कार्ड का इस्तेमाल सिम कार्ड खरीदने और बैंक खाते खोलने के लिए भी किया गया था.
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Tags: Human trafficking, NIA
FIRST PUBLISHED : February 6, 2024, 23:13 IST