आज फिनटेक कंपनियों के साथ मीटिंग करेंगी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण: SBI और NPCI के अधिकारी भी होंगे शामिल, रेगुलेटरी मुद्दों पर होगी चर्चा

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नई दिल्ली25 मिनट पहले

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वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज रेगुलेटरी मुद्दों को लेकर करीब 20 फिनटेक कंपनियों के साथ मीटिंग करेंगी। इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर सहित वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक की इस मीटिंग में शामिल होने की संभावना नहीं है।

वित्तमंत्री अमेजन पे, जेरोधा, लैंडिंग कार्ट, पाइन लैब्स और क्रेड जैसी कई पॉपुलर फिनटेक कंपनियों के साथ चर्चा करेंगी। इसमें KYC नॉर्म और कंप्लायंस के साथ ही इस सेक्टर में क्या इनोवोटिव किए जा सकते हैं उस पर भी चर्चा होगी। मीटिंग में देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे।

कंपनियों-रेगुलेटर के बीच सहमति बनाएंगी वित्त मंत्री
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मीटिंग में वित्तमंत्री फिनटेक कंपनियों से नियमों का पूरी तरह से पालन करने के लिए कह सकती हैं। इसके साथ ही RBI और NPCI जैसे नियामकों से भी यह कह सकती हैं कि नियमों का बोझ इतना ज्यादा भी ना हो कि इस सेक्टर में इनोवेशन को ही हतोत्साहित करने लगें।

हाल ही में RBI ने पेटीएम पेमेंट बैंक पर लगाई है रोक
31 जनवरी को RBI ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा था कि 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक के अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जा सकेगा। इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सर्विसेज, फास्टैग और दूसरी सर्विसेज में पैसा नहीं डाला जा सकेगा। हालांकि, 16 फरवरी को नया सर्कुलर जारी करते हुए इस डेडलाइन को 15 मार्च तक बढ़ा दिया है।

नियमों का पालने न करने के कारण RBI ने लिया एक्शन
RBI ने प्रूडेंशियल रेगुलेशन यानी नियमों का लंबे समय तक अनुपालन न करने का हवाला देते हुए पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर बड़े बिजनेस रिस्ट्रिक्शंस यानी प्रतिबंध लगाए हैं। RBI को पेटीएम की KYC में बड़ी अनियमितताएं मिली थीं, जिससे ग्राहक रिस्क में आ गए थे।

पेटीएम ने लाखों ग्राहकों की KYC नहीं की थी। लाखों अकाउंट का पैन वैलिडेशन नहीं हुआ था। मल्टीपल कस्टमर्स के लिए सिंगल पैन का इस्तेमाल हो रहा था। कई मौकों पर RBI को बैंक की ओर से गलत जानकारी भी दी गई। RBI को बड़ी संख्या में निष्क्रिय खाते भी मिले थे।

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