आचार समिति ने मोइत्रा के निष्कासन की अनुशंसा की, विपक्ष ने इसे गलत बताया

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आचारी के अनुसार, संसद के अगले सत्र के दौरान समिति के अध्यक्ष सदन में रिपोर्ट पेश करेंगे और उसके बाद इस पर चर्चा होगी, जिसके बाद सदस्य के निष्कासन के लिए सरकार के प्रस्ताव पर मतदान होगा। समिति ने इस मामले में मोइत्रा का पक्ष भी जाना था।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को भी समिति ने बुलाया था। देहाद्राई द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर भाजपा सांसद दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया थाा।

लोकसभा की आचार समिति ने ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ संबंधी आरोपों के मामले में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश की।
सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
लोकसभा सचिवालय के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के मुताबिक, संभवत: यह पहली बार है कि लोकसभा की आचार समिति ने किसी सांसद के निष्कासन की अनुशंसा की है।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने आज बैठक की जिसमें समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया गया।
बैठक के बाद सोनकर ने संवाददाताओं से कहा कि समिति के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को स्वीकार करने का समर्थन किया और चार ने इसका विरोध किया।
विरोध करने वाले विपक्षी सांसदों ने समिति की अनुशंसा को ‘पूर्वाग्रत से युक्त’ और ‘गलत’ बताया।

सूत्रों के मुताबिक, माना जा रहा है कि कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने रिपोर्ट के समर्थन में वोट दिया है। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। अमरिंदर सिंह अब कांग्रेस छोड़ चुके हैं।
सूत्रों ने बताया कि आचार समिति मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की है।
लोकसभा के पूर्व महासचिव पी डी टी आचारी ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब लोकसभा आचार समिति ने किसी सांसद को निष्कासित करने की सिफारिश की है।
वर्ष 2005 में ‘रिश्वत लेकर सवाल पूछने’ के एक अन्य मामले में 11 सांसदों को संसद से निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन उनके निष्कासन की सिफारिश राज्यसभा की आचार समिति और लोकसभा जांच समिति द्वारा की गई थी।
आचारी ने कहा कि लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेजी जाएगी। उनका कहना है कि अब लोकसभा अध्यक्ष इसे प्रकाशित करने का आदेश दे सकते हैं।

आचारी के अनुसार, संसद के अगले सत्र के दौरान समिति के अध्यक्ष सदन में रिपोर्ट पेश करेंगे और उसके बाद इस पर चर्चा होगी, जिसके बाद सदस्य के निष्कासन के लिए सरकार के प्रस्ताव पर मतदान होगा।
समिति ने इस मामले में मोइत्रा का पक्ष भी जाना था।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को भी समिति ने बुलाया था।
देहाद्राई द्वारा साझा की गई जानकारी के आधार पर भाजपा सांसद दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया थाा।
मोइत्रा ने किसी भी तरह का आर्थिक लाभ लेने के आरोप से इनकार किया है।
दुबे की शिकायत को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आचार समिति के पास भेज दिया था।

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