आगामी चुनाव युद्ध मशीन और लोकतांत्रिक ताकतों के बीच होगा: कांग्रेस नेता तन्खा

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने रविवार को कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे 1977 में आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे जब ‘‘लोकतांत्रिक ताकतों ने एक बड़ी पार्टी को हरा दिया था।’’

उन्होंने कहा कि यह चुनाव ‘युद्ध मशीन’ और ‘लोकतांत्रिक ताकतों’ के बीच होगा।
तन्खा ने कहा कि उस समय आपातकाल का दबाव कम होने लगा तो विपक्ष एकजुट होने लगा था और इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दल शुरू में भयभीत थे क्योंकि उन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी जांच एजेंसियां “हमला” कर रही थीं, लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आये, लोग आगे आए।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक ‘युद्ध मशीन’, जिसे मैं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कहता हूं, लोकतांत्रिक नहीं हो सकती। यह चुनाव ‘युद्ध मशीन’ और ‘लोकतांत्रिक ताकतों’ के बीच का चुनाव होगा। आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे 1977 में आपातकाल के बाद आए नतीजों के समान होंगे जब ‘‘लोकतांत्रिक ताकतों ने एक बड़ी पार्टी को हरा दिया था।’


मार्च 1977 में हुए लोकसभा चुनावों में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की करारी हार हुई थी, जिसमें जनता गठबंधन ने 345 सीट जीती थी।
तन्खा ने कहा, ‘‘भाजपा खुद को एक ‘युद्ध मशीन’ के रूप में देखती है और दुष्प्रचार करती है, लेकिन लोकतंत्र युद्ध मशीन से नहीं डरता और समय आने पर यह मजबूत होता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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