Patna:
Bihar Politics News: एक तरफ बिहार की सियासत दिन-ब-दिन गर्म होती दिख रही है तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में पक्ष-विपक्ष के द्वारा बयानबाजियों का दौर शुरू है. इन सबके बीच जेडीयू ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 पर दावा ठोक दिया है. सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के कई नेताओं ने साफ कहा है कि, ”जो उनकी अभी 16 सीटिंग सीटें हैं उस पर नहीं लड़ने का कोई सवाल ही नहीं उठता.” बता दें कि, महागठबंधन में एक तरफ जहां सीटों को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है तो वहीं जेडीयू का सीटों को लेकर दावा बरकरार है. अब जेडीयू नेता और नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने अपने सहयोगियों को इसकी वजह बताई है कि पार्टी 17 सीटों पर दावा क्यों कर रही है.
आपको बता दें कि, जेडीयू नेता और नीतीश सरकार में भवन निर्माण विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने गुरुवार (11 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर बात की और इसके पीछे का आधार बताया. उन्होंने लिखा कि, ”INDIA गठबंधन में जदयू) की 17 सीटों के दावों का आधार भी है. पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू 16 सीटों पर जीती थी, कुल मिलाकर 17 सीटों पर हमलोग लड़े थे.”
#INDIA गठबंधन में जद(यू) के 17 सीटों के दावों का आधार भी है। पिछले लोकसभा चुनाव में @Jduonline 16 सीटों पर जीती थी, कुल मिलाकर 17 सीटों पर हमलोग लड़े थे। #Bihar #NitishKumar #JDU pic.twitter.com/k9NSAJidnE
— Dr. Ashok Choudhary (@AshokChoudhaary) January 11, 2024
अशोक चौधरी ने दिया साफ संदेश
वहीं आपको बता दें कि अशोक चौधरी ने अपने पोस्ट में सीएम नीतीश कुमार की एक बड़ी तस्वीर शेयर की है जिसके साथ लिखा है कि, ”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास एक बड़ा जन-आधार है, एक बड़ा चेहरा हम लोगों के पास है, नीतीश जी जिस गठबंधन में भी रहे हैं उसका पलड़ा भारी रहा है.” बता दें कि इससे पहले जेडीयू के केसी त्यागी, विजेंद्र प्रसाद यादव और विजय कुमार चौधरी जैसे बड़े नेताओं ने 17 सीटों पर अपना दावा ठोका था, अब अशोक चौधरी ने सहयोगी दलों को साफ संदेश दे दिया है.
आरजेडी के सामने आई बड़ी चुनौती
इसके साथ ही आपको बता दें कि जेडीयू 17 सीटों पर अड़ी है, कांग्रेस 9 से 10 सीटों की मांग कर रही है, वाम दलों में सीपीआई ने तीन और सीपीआई ने पांच सीटों पर दावा किया है. ऐसे में राजद के सामने बड़ी चुनौती ये है कि सीटें कैसे तय की जाएं. जेडीयू ने भी साफ कह दिया है कि कांग्रेस और अन्य पार्टियां राजद से सीटों का हिसाब-किताब कर लें. अब देखना यह है कि आगामी चुनाव के बाद बिहार की गद्दी कौन संभालेगा.