कानपुर में स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की शोध टीम की 34 वर्षीय सदस्य ने मंगलवार को छात्रावास की दूसरी मंजिल के अपने कमरे में छत के पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान ओडिशा के कटक की रहने वाली पल्लवी चिल्का के रूप में हुई है।पुलिस ने बताया कि मामला तब सामने आया जब दोपहर में सफाई कर्मचारियों ने चिल्का का दरवाजा खटखटाया और कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।
पुलिस के अनुसार सफाई कर्मचारी ने दोपहर में कमरे के दरवाजे पर दस्तक दी और अंदर झांकने पर उसे पंखे से लटका हुआ पाया, इसके बाद उसने अधिकारियों को सूचित किया।
कल्याणपुर थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) धनंजय पांडे ने पत्रकारों को बताया कि आत्महत्या की जानकारी मिलने के बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम तुरंत आईआईटी परिसर में पहुंचीं और मामले की जांच शुरू की।
एसएचओ ने बताया कि पुलिस दरवाजा तोड़कर छात्रावास के कमरे में दाखिल हुई और शव को नीचे उतारा।
पांडेय ने कहा कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के पीछे अवसाद का कारण बताया गया है।
उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिजनों के आने के बाद बुधवार को शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्णय लिया गया है। एसएचओ ने बताया कि पल्लवीतीन दिन पहले ही आरए छात्रावस में शिफ्ट हुई थीं। इससे पहले वह एक निजी किराये के मकान में रह रही थीं।
संस्थान ने एक प्रेस बयान में पल्लवीके असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर दुख व्यक्त किया।
बयान में कहा गया है कि पल्लवी के निधन के साथ संस्थान ने एक प्रतिभाशाली और होनहार युवा शोधकर्ता खो दी।
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