आंवला नवमी पर तिरुपति बालाजी के रूप में नजर आए वीर अलीजा सरकार

अभिलाष मिश्रा/ इंदौर. इंदौर के प्राचीन वीर बगीची हनुमान मंदिर में बड़े ही धूमधाम के साथ आंवला नवमी का त्यौहार मनाया गया. जहां अलीजा सरकार (वीर बगीची) हनुमान का श्रृंगार तिरुपति बालाजी के रूप में किया गया. यह पहली मर्तबा है जब 400 वर्ष पुराने प्राचीन मंदिर में भगवान हनुमान का श्रृंगार तिरुपति बालाजी के रूप में किया गया. बता दें की इस प्राचीन मंदिर में प्राचीन समय से ही आंवला नवमी के दिन विशेष पूजन अर्चन की परंपरा है. मंदिर में परंपरा अनुसार इस वर्ष भी आंवला नवमी पर विशाल अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया गया.वीर बगीची में होने वाले अन्नकूट महोत्सव की थीम साउथ इंडियन रखी गई .जिसमें केल के पत्तों पर भारतीय व्यंजनों को परोसा गया. वहीं अलीजा सरकार को भोग भी केल के पत्ते पर ही लगाया गया.

श्रीश्री 1008 श्री बाल ब्रह्मचारी प्रभुवानन्दजी महाराज के शिष्य पवनान्द महाराज ने बताया कि पंचकुईया स्थित वीर बगीची में अन्नकूट की परंपरा काफी प्राचीन समय से ही चली आ रही है. हर वर्ष आंवला नवमी के दिन विशेष पूजन अर्चन की परंपरा है. जहां भगवान हनुमान का विशेष श्रृंगार भी इस दिन किया जाता है. यह मंदिर लगभग 400 वर्षों से अधिक पुराना है. वही परंपरा भी अति प्राचीन है. आंवला नवमी पर मंदिर में विशेष पूजा की परंपरा कब से चली आ रही हैयह बताना भी संभव नहीं है. प्राचीन समय से ही यह परंपरा चली आ रही है. बात अगर परंपराओं की की जाए तो वीर बगीची के ब्रह्मचारी कैलाशानंदजी, ओंकारानंदजी एवं भुवन दास महाराज के समय से चली आ रही अन्नकूट महोत्सव की परंपरा आज वर्तमान तक जारी है. प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में भक्त पहुंचकर महाप्रसादी का लाभ लेते हैं.

प्राचीन समय से चली आ रही परंपरा
वीर बगीची में 4 पुरानी व 3 नई भट्टियों पर प्रसादी बनाई गयी है जहाअन्नकूट महोत्सव में 50 हजार भक्तों के लिए भोजन प्रसादी तैयार की गयी. जिसकी व्यवस्था की जिम्मेदारी 400 से अधिक भक्तों ने संभाली. केले के पत्ते पर महाप्रसादी सभी भक्तजनों को दी गई है. वीर बगीची मंदिर में प्रतिवर्ष अलग-अलग थीम पर अन्नकूट महोत्सव आयोजित किया जाता है.पिछले वर्ष डिस्पोजल पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया था भक्तों को भोजन प्रसादी प्लास्टिक पत्तलों के बजाए पत्ते पर भोजन प्रसादी परोसी गई थी. इस वर्ष अन्नकूट महोत्सव की थीम साउथ इंडियन पर रखी गई .साउथ इंडियन पत्ते पर भारतीय व्यंजनों का स्वाद यहां आने वाले भक्तों ने जमकर लिया.अन्नकूट महोत्सव में पुड़ी, नुकती, जलेबी, रामभाजी व सेव का प्रसाद भक्तों को परोसा गया.

हीरे की पोशाक पहन तिरूपति बालाजी स्वरूप में नज़र आए अलीजा सरकार
गादीपति बाल ब्रह्मचारी पवनान्दजी महाराज ने बताया कि आंवला नवमी पर अन्नकूट महोत्सव के दौरान अलीजा सरकार ने भक्तों को तिरूपति बालाजी स्वरूप में भक्तों को दर्शन दिए हैं. अलीजा सरकार ने आज के दिन जो पोशाक पहनी है.वह पोशाक हीरे जड़ित है. पोषाक के लिए हीरे मुंबई के व्यवसायी द्वारा भेजे गए हैं. अलीजा सरकार की पोषाक 7 से 10 दिनों में बनकर तैयार हुई है.

फूल बंगला में शाम 6 बजे से दर्शन शुरू
आंवला नवमी पर शाम 5 बजे विद्वान पंड़ितो द्वारा अलीजा सरकार की महाआरती की गयी है.अलीजा सरकार को छप्पन भोग भी इस दौरान लगाया गया.वहीं शाम 6 बजे से भव्य फूल बंगले में अलीजा सरकार के दर्शन भक्तों के लिए प्रारंभ हो गए.

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