आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने पुलिस को कौशल विकास निगम घोटाले में नारा लोकेश की गिरफ्तारी से रोका

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अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि इस मामले में लोकेश को अब तक आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय तेदेपा महासचिव लोकेश की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता नारा लोकेश को अस्थायी राहत प्रदान करते हुए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सीआईडी पुलिस को कौशल विकास निगम घोटाले से जुड़े मामले में चार अक्टूबर तक उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया।

अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि इस मामले में लोकेश को अब तक आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है। उच्च न्यायालय तेदेपा महासचिव लोकेश की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

सीआईडी ने कहा कि इस अग्रिम जमानत याचिका में कोई दम नहीं है क्योंकि लोकेश ने खुद कहा है कि वह इस मामले में आरोपी नहीं है।
इससे पहले आज दिन में सीआईडी ने उच्च न्यायालय में कहा था कि वह अमरावती इनर रिंग रोड (आईआरआर) ‘घोटाला’ मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश को जांच में शामिल होने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा-41 के तहत नोटिस जारी करेगी।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय आईआरआर मामले में अग्रिम जमानत के अनुरोध को लेकर लोकेश की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
तेदेपा सूत्रों के अनुसार लोकेश अपने पिता और पार्टी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में कानूनी विशेषज्ञों से राय मशविरा करने के लिए इस समय दिल्ली में हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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