आंखों और स्किन के लिए बेहद गुणकारी है सर्दियों की यह सब्जी, वजन घटाने में रामबाण, जानें 5 फायदे

हाइलाइट्स

गाजर का सेवन करने से आंखों को हेल्दी रखने में मदद मिलती है.
गाजर खाने से आपको कैलोरी इनटेक कम करने में आसानी होगी.

Carrot Health Benefits: सर्दी का मौसम धीरे-धीरे परवान चढ़ रहा है. इस मौसम में उन सब्जियों की भरमार हो जाती है, जो शरीर के लिए बेहद लाभकारी है. ऐसी ही सब्जियों में गाजर (Carrot) भी है. यह सब्जी विटामिन्स व मिनरल्स से भरपूर है, इसे आंखों के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. यह स्किन का ग्लो भी बढ़ाए रहती है. अगर आप मोटापे से परेशान हैं तो गाजार खाकर उसे कम किया जा सकता है. गाजर उन सब्जियों में से एक है, जिसे कच्चा और पकाकर दोनों प्रकार से खाया जा सकता है.

सलाद के रूप में तो यह बेहद उपयोगी है तो सब्जी के अलावा गाजर का हलवा भी पूरे भारत में काफी नाम कमा रहा है. यह अचार के भी काम आती है तो इसकी मिठाइयां भी बनती हैं. काली गाजर से बनी कांजी को तो पेट के लिए रामबाण माना जाता है. इसमें फेट न के बराबर होता है, लेकिन पौष्टिकता भरपूर है. फूड एक्सपर्ट मानते हैं कि इसका नियमित सेवन शरीर को कई बीमारियों से बचाने में कारगर है. गाजर की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं.

1. लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी के अनुसार गाजर में कैलोरी कम होती है. इसमें मिनरल, फाइबर के अलावा कैल्शियम, मैग्निशियम, फास्फोरस, आयरन, सोडियम, पोटेशियम, कॉपर के अलावा विटामिन ए और विटामिन सी भी खूब होता है. इसमें मौजूद विटामिन ए आंखों को ड्राई होने से बचाता है, रैटिना व लैंस की रक्षा करता है. गाजर के नियमित सेवन से लंबी उम्र तक आंखों की रोशनी बरकरार रहती है.

2. फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार गाजर में कैरोटीनॉयड (एक प्रकार का एंटिऑक्सीडेंट) पर्याप्त रूप से पाया जाता है, जिसे स्किन के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है. खास बात यह है कि स्किन में छोटे-मोटे घावों में भी यह लाभकारी है, जो उसे ठीक कर उसे स्थल में नई स्किन का निर्माण करता है. गाजर में मौजूद कैरोटीन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में कारगर है, जो स्किन का ग्लो भी बनाए रखता है. ऐसा भी माना जाता है कि अगर स्किन में धब्बे या दाग हैं तो गाजर का नियमित सेवन उन्हें कम कर सकता है.

3. गाजर का नियमित सेवन वजन घटाने में मददगार है. उसका कारण यह है कि इसमें 80 प्रतिशत से अधिक नमी होती है और कैलोरी काफी कम. इसमें फाइबर भी खूब होता है लेकिन फैट न के बराबर. इसका लाभ यह रहता है कि जब गाजर खाएंगे तो शरीर देर तक भरा-भरा महसूस होगा. परिणामत: आप भोजन का सेवन कम करेंगे. यही सिस्टम वजन को रोकने में प्रभावी काम करता है. विशेष बात यह है कि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर को उतनी ऊर्जा दे देते हैं जो उसके लिए जरूरी है.

4. ऐसा भी माना जाता है कि गाजर का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक है. जिन लोगों को इसकी शिकायत होती है, उनके शरीर में विटामिन ए कम होता है. गाजर उसकी सप्लाई करती है. रिसर्च यह भी बताती है कि गाजर में काफी मात्रा में फाइबर होता है और इसका सेवन ब्लड शुगर वाले व्यक्तियों में ग्लूकोज को कंट्रोल करने में मदद करता है. गाजर में प्राकृतिक तौर पर शुगर की मात्रा भी कम होती है, जो शुगर वाले रोगियों के लिए लाभकारी है.

5. ऐसा भी माना जाता है कि गाजर के जूस का नियमित सेवन बीपी को भी कंट्रोल करता है. उसका कारण है कि इसमें मौजूद फाइबर, पोटेशियम, नाइट्रेट और विटामिन सी सहित पोषक तत्व बीपी कंट्रोल करने में मददगार हैं. चूंकि गाजर में फाइबर भी मौजूद है जो डाइजेशन में लाभकारी हैं.

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दिलचस्प है गाजर का इतिहास

गाजर हजारों वर्षों से भारत में उगाई और खाई जा रही है. प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘चरकसंहिता’ में गाजर (गृजंनक) के गुणों को पारिभाषित किया गया है और बताया गया है कि यह वात व कफ का शमन करती है. एक अन्य आयुर्वेदिक ग्रंथ ‘राज निघंटु’ में गाजर को मधुर, रुचि बढ़ाने वाली, पेट फूलने या एसिडिटी दूर करने वाली, कृमि निकालने में, जलन-दर्द से पित्त और प्यास से राहत दिलाने वाली कहा गया है. फूड हिस्टोरिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कहते हैं कि इसका उत्पत्ति केंद्र सेंट्रल एशियाटिक सेंटर है, जिसमें उत्तर पश्चिमी भारत के अलावा ईरान, अफगानिस्तान, तजाकिस्तान व उज्बेकिस्तान आते हैं. भारत के वनस्पति विज्ञानी तो यह भी कहते हैं कि गाजर की मूल उत्पत्ति स्थल पंजाब व कश्मीर की पहाड़ियां हैं.

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