
सांकेतिक तस्वीर।
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गोरखपुर जिले में तकरीबन 200 लोगों को असलहे का फर्जी लाइसेंस देने वाले धंधेबाजों पर अब जल्द ही बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। डीएम दफ्तर के दो असलहा बाबू और एक कंप्यूटर ऑपरेटर की मदद से रवि गन हाउस से फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण की जांच अब पूरी हो गई है।
डीएम ने निलंबित कर्मचारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दे दी है। पुलिस इस गिरोह के सरगना पूर्व असलहा बाबू रहे राम सिंह, अशोक गुप्ता और कंप्यूटर ऑपरेटर अजय गिरी पर गैंगस्टर की कार्रवाई करेगी। खबर है कि धंधेबाजों की अवैध कमाई से हासिल संपत्ति पर बुलडोजर भी चल सकता है।
जानकारी के मुताबिक, 4 अगस्त 2019 को फर्जी शस्त्र लाइसेंस का प्रकरण सामने आया था। गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले तनवीर अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जिले में फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। तत्कालीन असलहा बाबू राम सिंंह ने इस मामले में केस दर्ज कराया था।
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पुलिस की जांच में पता चला कि असलहा बाबू रहे राम सिंह, पूर्व असलहा बाबू अशोक गुप्ता, सेवानिवृत्त बाबू विजय प्रताप श्रीवास्तव, संविदाकर्मी अजय प्रताप गिरी भी गिरोह से जुड़े थे। नाम प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने इनके साथ ही मुख्य आरोपी रवि गन हाउस के संचालक रवि पांडेय समेत 15 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया।