असम में भी लागू होगा UCC, CM सरमा बोले- मजबूत कानून बनाने पर कर रहे काम

CM Sarma

ANI

मीडिया से बात करते हुए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम बहुविवाह और यूसीसी के लिए मजबूत कानून बनाने पर काम कर रहे हैं। इससे पहले असम राज्य कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश करने पर चर्चा की थी।

उत्तराखंड में यूसीसी कानून आने के बाद अब एक और बीजेपी शासित राज्य में इसे लाए जाने की तैयारी नजर आ रही है। जिस बात की ताकीद खुद सूबे के मुख्यमंत्री ने कर दी है। मीडिया से बात करते हुए असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हम बहुविवाह और यूसीसी के लिए मजबूत कानून बनाने पर काम कर रहे हैं। इससे पहले असम राज्य कैबिनेट ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश करने पर चर्चा की थी। हालांकि मंत्री जयंत मल्लाबारुआ के अनुसार, बैठक में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। यूसीसी शाम को होने वाली राज्य कैबिनेट में चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक होने की बात पहले से ही कही जा रही थी। कहा गया  कि यूसीसी में आदिवासियों के लिए कुछ छूट हो सकती है।

असम बजट 2024-25 पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा, तो असम एक आश्रित राज्य नहीं हो सकता। यह बजट कहता है कि हम विकास के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह योगदान देंगे। असम की वित्त मंत्री अजंता नियोग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 2.9 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। बजट में 774.47 करोड़ रुपये के घाटे का अनुमान लगाया गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में असम का सकल घरेलू उत्पाद 6.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा, जबकि 2023-24 में यह 5.7 लाख करोड़ रुपये था।

इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री हिमनत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार यूसीसी को लागू करेगी लेकिन आदिवासी आबादी को इसके दायरे से दूर रखेगी। समान नागरिक संहिता का अर्थ है कि समाज के सभी वर्गों, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, के साथ राष्ट्रीय नागरिक संहिता के अनुसार समान व्यवहार किया जाएगा, जो सभी पर समान रूप से लागू होगा। सरमा ने पहले कहा था कि उनकी सरकार उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार किए जा रहे यूसीसी ड्राफ्ट बिल की बारीकी से निगरानी कर रही है ताकि यह देखा जा सके कि क्या इसे पूर्वोत्तर राज्यों में लागू किया जा सकता है।

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