असम के विपक्षी दलों ने सीएए लागू किये जाने का विरोध करने का ऐलान किया

असम के विपक्षी दलों ने सोमवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून को लागू करने के केंद्र सरकार के किसी भी कदम का वे विरोध करेंगे। एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने दावा किया था कि इस कानून का अंतिम मसौदा अगले मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है।विपक्षी दलों ने कहा कि राज्य के लोग एक ऐसे ‘असंवैधानिक’ कानून को थोपने के किसी भी प्रयास को बर्दाश्त नहीं करेंगे जो 1985 के असम समझौते के प्रावधानों के विरूद्ध है। उत्तर प्रदेश के भाजपा सांसद मिश्रा ने रविवार को पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि सीएए लागू करने की प्रक्रिया तेज हुई है तथा अंतिम मसौदा मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है। उन्होंने कहा था कि कोई भी बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के चलते वहां से भागकर आये मतुआ से नागरिकता नहीं छीन सकता है।

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कांग्रेस सांसद अब्दुल खलिक ने कहा कि केंद्र को बांग्लादेश पर वहां रह रहे हिंदुओं की रक्षा करने का दबाव डालना चाहिए ताकि वे किसी धार्मिक उत्पीड़न के चलते भारत नहीं आयें।<br>
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत खुले हाथों से बांग्लादेश को सहायता देता है लेकिन वह वहां की सरकार पर हिंदुओं की सुरक्षा के लिए दबाव नहीं डाल सकता है। उल्टे, हमारी भाजपा सरकार धार्मिक उत्पीड़न की आड़ में हिंदुओं को यहां लाने की कोशिश कर रही है।’’<br>
बारपेटा के लोकसभा सदस्य खलिक ने आरोप लगाया कि हिंदुओं की हिमायती होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार का लक्ष्य सीएए के मार्फत बांग्लादेश में प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर को बंद करना है।<br>
उन्होंने कहा, ‘‘यदि सभी हिंदुओं को सांप्रदायिक उत्पीड़न के नाम पर भारत में ले आया जाता है तो वहां इस मंदिर में दीये जलाने के लिए भी कौन बचेगा?’’

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असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने कहा कि कांग्रेस सीएए का विरोध करेगी क्योंकि यह असम समझौते के प्रावधानों के विरूद्ध है।<br>
उन्होंने कहा, ‘‘ असम समझौते ने राज्य में अवैध विदेशियों की पहचान के लिए तारीख 25 मार्च, 1971 तय की है। हम ऐसे किसी भी कानून को स्वीकार नहीं करेंगे जो उसके विरूद्ध है।’’<br>
असम जैत्य परिषद के प्रमुख लुरिनज्योति गोगोई ने कहा कि राज्य के लोग सीएए जैसे ‘एक असंवैधनिक’ कानून को बर्दाश्त नहीं करेंगे।<br>
उन्होंने कहा, ‘लोग ऐसे असंवैधानिक कानून को थोपे जाने को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे जो हमारे देश की धर्मनिरपेक्षता के मूल तत्व के विरूद्ध हो।’’

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गोगोई ने कहा कि असम विदेशियों का अतिरिक्त बोझ उठाने को तैयार नहीं है तथा प्रधानमंत्री को देश में आये हिंदुओं को अपने गृहराज्य गुजरात में बसाना चाहिए। <br>
भाजपा विधायक जीतू गोस्वामी ने कहा, ‘‘ भाजपा अपने वादे पर हमेशा खड़ी उतरी है। चाहे अयोध्या में राममंदिर का आश्वासन हो या आयुष्मान भारत या सीएए। ’’<br>
सीएए में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत में आये और यहां पांच साल से रह रहे हिंदुओं , जैनियों, ईसाइयों, सिखों और बौद्धों एवं पारसियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है।

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