अलवर में बीटेक के छात्र ने दी जान, परिजनों ने लगाया कॉलेज प्रबंधन पर हत्या का आरोप!

Alwar News: अलवर जिले के सदर पुलिस थाना क्षेत्र में स्थित लक्ष्मी देवी इंजीनियरिंग कॉलेज में एक बीटेक थर्ड ईयर के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजनों ने कॉलेज प्रबंधन पर बदले की भावना से हत्या करने का आरोप लगाया है.

सदर पुलिस थाना प्रभारी दिनेश मीणा ने बताया कि इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने कॉलेज पहुंच कर मामले की जामच शुरू कि. उन्हें फोन पर  सूचना मिली थी की एलआईटी कॉलेज में एक छात्र ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी है. वहां पहुंचे तो छात्र प्रिंस की लाश पंखे से लटकी हुई मिली. 

पुलिस ने मामले की गहनता से जांच के FSL टीम  बुलाई गई .अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे . साथ ही मृतक छात्र के परिजनों को भी बुलवाया गया. फिलहाल मृतक छात्र की डेड बॉडी को राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय की मोर्चरी में रखा गया है .उन्होंने बताया कि छात्र हॉस्टल में रहता था और रविवार को उसने खाना खाया था. लेकिन आज खाना नहीं खाया. थाना प्रभारी ने बताया कि परिजन जैसी भी रिपोर्ट देंगे.उसके अनुसार उसकी जांच की जाएगी.

कॉलेज प्रबंधन में हत्या की योजना?

मृतक के परिजनों ने इस घटना के पीछे की गई योजना को लेकर आरोप लगाया है. मृतक की मां का कहना है कि, “उसके पति पहले इसी कॉलेज के डायरेक्टर थे. उसी दौरान मेरे बेटे का ऐडमिशन इस कॉलेज में कराया गया. एससी- एसटी के बच्चों की स्कॉलरशिप यह स्कूल प्रबंधन नहीं देता था. ना ही फॉर्म भरवाता था. जब इसका विरोध किया तो कॉलेज के संचालक मनोज चाचान और प्रिंसिपल उनके साथ साथ उनके बच्चों को भी गंदी-गंदी गालियां देते थे .जब इनके कारनामों की पोल मेरे पति ने खोली तो उन्हें पद से हटा दिया गया. इस मामले का केस चल रहा है. वर्तमान में मेरे पति उत्तराखंड में नौकरी करते हैं

परिजनों का आरोप: 
यह परिवार पीछे से खेरली का रहने वाला है और वर्तमान में अलवर के विवेकानंद कॉलोनी में रहता हैं. कुछ दिन पहले ही कॉलेज प्रबंधन की ओर से राजीनामा का फोन आया था. उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे बेटे को इन्होंने मारा है. कॉलेज के जिस कमरे में उसने फांसी लगाई है. उसे कमरे के दोनों गेट बंद है. और खिड़की खुली थी.

 मृतक की मां सुनीता ने बताया कि मेरे मेरा बेटा मानसिक रूप से परेशान नहीं था .अगर वह मानसिक रूप से परेशान होकर आत्महत्या करता तो निश्चित रूप से कोई ना कोई सुसाइड नोट लिखकर जाता है. लेकिन उसने कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा. उन्होंने सीधा-सीधा इस कॉलेज प्रबंधन पर हत्या करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने बताया कि जब मेरे पति को इस कॉलेज से हटाया गया था तब मेरे पति ने कहा था कि इसको दूसरे कॉलेज में एडमिशन करा देते हैं .लेकिन पढ़ाई के बीच में दूसरे कॉलेज में एडमिशन कराने में परेशानी के चलते आगे की पढ़ाई इसी कॉलेज में जारी रखने के लिए इसी कॉलेज में रखा गया. मेरे पति द्वारा केस में राजीनामा नहीं करने के कारण इन्होंने मेरे बेटे को पंखे के लटका कर मारा है.

पुलिस की जांच और परिवार की मांग:
सदर पुलिस थाना प्रभारी ने बताया कि वहां पहुंचने के बाद अवश्यक रिपोर्टिंग की जा रही है और मृतक की मां द्वारा की गई आरोपों की जांच की जाएगी. मां ने कहा है कि पति के कारण उनके बेटे को कॉलेज में अन्याय का सामना करना पड़ा. इस संबंध में पुलिस जांच कर रही है और सभी प्रतिभागियों से सत्यिक बयान लेने का कार्रवाई की जा रही है.

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