अलग किस्म की करना चाहते हैं सेब, नाशपाती और मौसमी की खेती तो यहां से लें पौध

अमित कुमार /समस्तीपुर: बिहार में भी अब अलग-अलग तरह के फलों की खेती शुरू हो गई है. इससे पहले बिहार की पहचान आम, केला और लीची से होती थी. लेकिन अब यहां के किसान पपीता, स्ट्रॉबेरी अनार, अमरुद सहित अन्य फलों की खेती करने लगे हैं. बिहार के किसानों ने अब सेब, नाशपाती और मौसमी की भी खेती शुरू कर दी है. इसी कड़ी में समस्तीपुर के किसान भी अब फलों की खेती करने लगे हैं. यहां के किसान सेब, नाशपाती और मौसमी की खेती की और कदम बढ़ा दिया है. हालांकि इसका पौधा अभी सभी जगह उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. यदि समस्तीपुर में है और फलों का पौधा नहीं मिल रहा है तो आप रोसरा प्रखंड स्थित बस स्टैंड के समीप डाक बंगला चौक से पौधा प्राप्त कर सकते हैं.

सेब के हरमन- 99 वैरायटी का पौधा बिहार की मिट्टी के लिए उपयुक्त
रोसड़ा बस स्टैंड के समीप टेक नारायण महतो ने फलों की नर्सरी खोल रखी है. उनके पास सभी प्रकार के फलों के अलावा सेब, नाशपाती और मौसमी का पौधा भी मिल जाएगा. टेक नारायण महतो ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ वर्ष पूर्व सेब का पौधा लगाया था. अब यह पौधा बड़ा होकर फल देने लगा है. पिछले तीन वर्षों से फल भी प्राप्त कर रहे हैं.

उन्होंने लोकल 18 को बताया कि सेब का पौधालगाने का सभी समय फरवरी से लेकर मार्च के आखिरी सप्ताह तक का होता है. अगर किसान को सेब का पौधा चाहिए तो यहां उपलब्ध है. किसानों को यहां हरमन- 99 वैरायटी का पौधा मिल जाएगा. सेब की यह वैरायटी बिहार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है. यह 45 से 50 डिग्री सेल्सियस में भी फल सकता है.

300 रुपए तक में मिल जाएगा सेब, नाशपाती और मौसमी का पौधा
टेक नारायण महतो ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि हरमन- 99 वैरायटी के पौधे कोबिहार में कहीं भी लगा सकते हैं. पौधे का ग्रोथ रेट भी बेहतर और फलन भी शानदार होता है. वहीं इस वैरायटी के सेब के पौधे की कीमत की बात की जाए तो 250 से 300 रुपए प्रति पीस है.

वहीं उन्होंने बताया कि सेब के पौधे को रोपने के लिए सबसे पहले 2 फीट लंबा, 2 फीट चौड़ा और 2 फीट गहरा गड्ढा खोदना पड़ता है. इसके बाद मिट्टी में जैविक खाद या पुराना गोबर का प्रयोग कर सकते हैं. अच्छी तरह से मिक्स करने के बाद पौधे को लगा सकते हैं. यही प्रक्रिया नाशपाती और मौसमी के पौधे लगाने में भी अपनाना पड़ता है. पौधे लगाने बाद एक महीने तक सिंचाई करते रहें.

Tags: Bihar News, Local18, Samastipur news

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