अर्ध चंद्राकार आकार में बना है चमोली का यह ताल, ट्रेकिंग के लिए भी है मशहूर

सोनिया मिश्रा/चमोली. उत्तराखंड… एक ऐसा राज्य जिसके कण-कण में न जाने कितने ही राज आज भी छिपे हैं . जो ऊंची-ऊंची पर्वत श्रृंखलाओं से शुरू होकर कनखल नगरी तक फैला हुआ हैं. उन्हीं में से एक राज समेटे हैं काकभुशुण्डि ताल, जो चमोली ज़िले की खूबसूरत वादियों के बीच छिपा है. जिसे बेहद खास, पवित्र और रोमांचित करने वाला माना जाता है. साथ ही इसका संबंध रामायण काल से भी है.

चमोली जिले के जोशीमठ से लगभग 40 किलोमीटर आगे 4500 मीटर की ऊंचाई पर काकभुशुण्डि ताल (Kakbhushundi Lake Uttarakhand) स्थित है. जो तकरीबन 1 किमी के क्षेत्रफल में फैली है. हाथी पर्वत के तल पर मौजूद इस ताल का पानी हल्के हरे रंग का है जो देखने में बेहद खूबसूरत है.

अर्ध चंद्राकार आकार का है ताल
काकभुशुण्डि ताल आकार में अर्ध चंद्राकार है. लभभग 2 किलोमीटर की गोलाई में बना है. इसे त्रेतायुग की झील भी माना जाता है. ताल अपनी सुंदरता और शांत वातावरण के साथ-साथ हरे भरे रंग-बिरंगे फूलों के लिए भी खूब मशहूर है, जिससे इसकी खूबसूरती और अधिक बढ़ जाती है. साथ ही यह क्षेत्र संयुक्त राष्ट्र की विश्व धरोहर स्थल नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में आता है.

क्या है काकभुशुण्डि ताल की धार्मिक मान्यता?
कुछ मान्यताओं के अनुसार, महर्षि वाल्मीकि और तुलसीदास से पहले रामकथा का वर्णन करने वाले पहले व्यक्ति लोमस ऋषि माने गए हैं, जो स्वयं काक (कौवे) की योनि में जाकर काकभुशुण्डि नाम से प्रसिद्ध हुए. मान्यताओं के अनुसार हिमालय क्षेत्र में स्थित यह स्थान उनकी तप स्थली रहा है. जिसके प्रमाण रामचरितमानस के बाल कांड व उत्तर कांड में मिलता हैं. इस झील को आज भी इतना पवित्र माना जाता है कि यहां लोग आज भी पाप धोने के लिए आते हैं.

रोमांच से भरी है काकभुशुण्डि ताल की यात्रा!
ट्रेकर्स भूपेंद्र सिंह नेगी, मनोज कुमार और देवेंद्र का बताते हैं कि काकभुशुण्डि ताल की यात्रा के दौरान ग्लेशियरों से होकर गुजरने का रोमांच और हिमालय श्रृंखलाओं के पास पहुंचकर दीदार करने का एक अलग ही अनुभव है. साथ ही कहते हैं कि यहां साहसिक पर्यटन में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.

Tags: Chamoli News, Local18, Uttarakhand news, Uttarakhand Tourism

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *