दो गवाहों द्वारा अदालत में जमा की गई कथित मतदाता सूचियों के अनुसार, सुनीता केजरीवाल का नाम दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में था।
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को उस मामले में तलब किया है, जहां यह आरोप लगाया गया है कि उन्हें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपीए) का उल्लंघन करते हुए एक साथ दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में नामांकित किया गया था। उन्हें 18 नवंबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। तीस हजारी कोर्ट की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरजिंदर कौर ने पिछले सप्ताह पारित आदेश में कहा कि इस न्यायालय की सुविचारित राय है कि प्रथम दृष्टया मामला आरोपी व्यक्ति सुनीता केजरीवाल के खिलाफ बनता है।
दो गवाहों द्वारा अदालत में जमा की गई कथित मतदाता सूचियों के अनुसार, सुनीता केजरीवाल का नाम दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र और उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में था। मामले में शिकायतकर्ता दिल्ली बीजेपी सचिव हरीश खुराना ने भी अदालत में इन दस्तावेजों पर भरोसा किया। खुराना ने कहा कि मैंने यह आवेदन 2019 में दायर किया था। दिल्ली के चांदनी चौक और गाजियाबाद के साहिबाबाद में मतदाता के रूप में पंजीकृत होना अवैध है।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पत्नी दोनों आईआरएस अधिकारी रहे हैं… उनके लिए ऐसा अपराध करना अक्षम्य है क्योंकि वे जानते हैं कि देश में वन नेशन और वन वोटर आईडी कार्ड लागू हो रहा है। आरपीए (1950) की धारा 17 के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदाता सूची में पंजीकृत नहीं हो सकता है।
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