इजरायल और हमास की लड़ाई को महीना भर होने को है. अरब देश इजरायल पर संघर्ष विराम का दबाव बना रहे हैं, लेकिन अमेरिका इससे पीछे हट गया है. 4 अक्टूबर को एक बैठक में अरब नेताओं ने तत्काल संघर्ष विराम पर जोर दिया, लेकिन अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इससे आतंकवादी समूह हमास को और हिंसा करने का बढ़ावा मिलेगा.
नेतन्याहू के साथ बंद कमरे में बातचीत
ब्लिंकन, मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब, कतर और अमीरात के राजनयिकों के साथ बातचीत कर रहे थे. उन्होंने गाजा में नागरिकों की रक्षा करने तथा उन तक सहायता पहुंचाने पर जोर दिया, लेकिन ‘सीज फायर’ के मसले पर वीटो लगा दिया. ब्लिंकन ने इस बैठक से एक दिन पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बंद कमरे में बातचीत की थी.
मिस्र के राजनयिक सामेह शौकरी ने कहा, ‘‘हम गाजा में फलस्तीनियों की ‘सामूहिक सजा’ को आत्म-रक्षा के अधिकार के रूप में माने जाने वाले औचित्य को स्वीकार नहीं कर सकते. यह बिल्कुल भी वैध आत्मरक्षा नहीं हो सकती.’’
क्या है अमेरिका का रुख?
एंटनी ब्लिंकन अमेरिका के इस रुख पर अड़े हैं कि संघर्ष विराम से इजराइल के सात अक्टूबर को हमास के अचानक किए हमले के बाद अपने नागरिकों की रक्षा करने के अधिकार और दायित्व को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन की इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करने की प्रतिबद्धता अटूट है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, ‘हमारा मानना है कि संघर्ष विराम से हमास फिर से खड़ा होगा और जो उसने किया उसे दोहराने में समर्थ हो जाएगा’. उन्होंने कहा कि अमेरिका, गाजा निवासियों तक सहायता पहुंचाने के लिए इजराइल के अभियान में ‘‘मानवीय अल्प विराम’’ का समर्थन करता है. उनकी इस अपील को एक दिन पहले नेतन्याहू ने ठुकरा दिया था.
अरब के नेता क्या चाहते हैं?
उधर, अरब अधिकारियों का कहना है कि गाजा में तत्काल हत्याओं को रोकने और मानवीय सहायता बहाल करने को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए. युद्ध के बाद गाजा का क्या भविष्य होगा? इस पर बाद में सोचा जा सकता है.
अमेरिका के रुख पर हमास ने क्या कहा?
उधर, अमेरिका के इस रुख पर हमास का भी बयान सामने आया है. बेरूत में हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने पत्रकारों से कहा कि ब्लिकंन को ‘आक्रामकता रोकनी चाहिए और ऐसे विचार नहीं रखने चाहिए, जिन्हें लागू नहीं किया जा सकता..’

हमदान ने कहा कि गाजा का भविष्य फिलिस्तीनी तय करेंगे और अरब के विदेश मंत्रियों को अमेरिकी राजनयिक को यह साफ-साफ बताना चाहिए कि ऐसा अरब गठबंधन नहीं बना सकता जो फिलिस्तीनियों के ही खिलाफ हो.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2023, 12:04 IST