शुभम मरमट/उज्जैन. बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के एक वेद विद्यालय में जैसे ही अयोध्या से निमंत्रण पत्र पहुंचा, माहौल बदल गया. 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए उज्जैन के 30 संतों को निमंत्रण भेजे गए हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से आए निमंत्रण पत्र में संतों से 21 जनवरी से पूर्व अयोध्या पहुंचने और 23 जनवरी के बाद लौटने का कार्यक्रम बनाने के लिए कहा गया है.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण पत्र मिलने पर उज्जैन की साध्वी 1008 महामंडलेश्वर मां मंदाकिनी गिरी महाराज (महामंडलेश्वर श्री निरंजनी पंचायती अखाड़ा) ने कहा कि भारतीय मूल के पूरे विश्व में रह रहे सभी सज्जनों को 22 जनवरी को अपने घरों पर दीपावली की तरह खुशी मनानी चाहिए. क्योंकि, इस दिन 500 वर्ष उपरांत, भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना “राम मंदिर” के रूप में हो रही है.
आगे कहा कि भगवान श्री रामचंद्रजी किसी एक मजहब के नहीं हैं. वह तो भारतीय संस्कृति के महानायक हैं. इस कारण भारतीय मूल के सभी धर्मों के लोगों को, आस्तिकों को जो कहीं भी रह रहे हों, अपने घरों पर दीपावली की तरह दीपक व साथ ही एक भगवा ध्वज लगाकर इस शुभ अवसर पर प्रसन्नता प्रकट करनी चाहिए.
120 बटुकों ने जताई खुशी
बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में अयोध्या का निमंत्रण आते ही महामृत्युंजय वेद विद्यालय के 120 बटुक खुशी से घूम उठे. उन्होंने कहा ये सौभाग्य की बात है कि उज्जैन के संतों को भी अयोध्या बुलाया गया है. हम काफ़ी ख़ुश हैं. उज्जैन के साधु-महात्मा के सामने भगवान राम अपने घर में विराजमान होंगे. ये देखना हम सभी के लिए गौरव की बात है. इस दौरान बटुकों ने जय श्रीराम का उद्घोष भी किया.
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FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 16:54 IST