स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने दी जानकारी।
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अयोध्या में महिला मुख्य आरक्षी से ट्रेन में हुई दरिंदगी के मामले में फिलहाल एसटीएफ को कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा है। अब सारा दारोमदार मुख्य आरक्षी के बयान पर टिका है, जिसके बाद इस मामले की गुत्थी को सुलझाया जा सकता है।
अज्ञात हमलावरों का शिकार बनी मुख्य आरक्षी की हालत में पहले से सुधार हुआ है और वह थोड़ा बोलने की स्थिति में है। स्पेशल डीजी कानून-व्यवस्था एवं अपराध प्रशांत कुमार ने बताया कि मुख्य आरक्षी की सेहत में सुधार होते ही बयान दर्ज किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर शासन के निर्देश पर इस मामले की जांच में सहयोग कर रही एसटीएफ अयोध्या से लेकर मनकापुर तक के सारे सीसीटीवी और बीटीएस को खंगाल रही है। बीटीएस के डाटा के जरिए यह पता लगाया जा रहा है कि घटना के दौरान कितने फोन नंबर एक्टिव थे।
एसटीएफ से संबद्ध चल रहे डीआईजी अनंत देव और डिप्टी एसपी प्रमेश कुमार शुक्ला ने घटनास्थल का मौका-मुआयना करने के साथ अब तक जुटाए गए सुबूतों के आधार पर कड़ियों को जोड़ रहे हैं। जांच अधिकारियों के मुताबिक मुख्य आरक्षी के साथ लूटपाट होने का कोई भी प्रमाण नहीं मिला है, जिससे इस घटना को स्मैकियों द्वारा अंजाम दिए जाने की संभावना कम है। अधिकारी मुख्य आरक्षी के साथ किसी की रंजिश होने के पहलू को भी खंगाल रहे हैं।