अमेरिका में भारतीय छात्र पर चाकू से हमला, स्थिति गंभीर

अमेरिका के इंडियाना राज्य में भारतीय छात्र पी वरुण राज (24) पर सप्ताहांत में एक फिटनेस केन्द्र में चाकू से हमला किया गया जिसके बाद से उसकी हालत नाजुक बनी हुई है और उसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है।
सूत्रों ने यह जानकारी है।

वरुण कंप्यूटर साइंस का छात्र है और रविवार को सुबह एक जिम में जॉर्डन एंड्रेड (24) ने उस पर चाकू से हमला किया था। अधिकारी हमले के कारणों का पता लग रहे हैं।
सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘ तीन दिन के उपचार के बाद भी वरुण जीवन रक्षक प्रणाली पर है। उसके तंत्रिका तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उसके स्थायी तौर पर दिव्यांग होने तथा देखने में तकलीफ होने और बाईं तरफ के अंगों के कमजोर होने की आशंका है। ’’

हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है और उस पर हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया है।
वरुण की गंभीर चोटों को देखते हुए उसे अब फोर्ट वेन के ल्यूथेरन अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इस बीच हमलावर एंड्रेड को पोर्टर सुपीरियर कोर्ट के न्यायाधीश जेफरी क्लाइमर के समक्ष पेश किया गया। उसने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज किया है।
‘द वालपराइसो यूनिवर्सिटी’ के अध्यक्ष ने छात्र पर किए गए बर्बर हमले पर दुख व्यक्त किया है।

विश्वविद्यालय के अध्यक्ष जोस पैडिला ने एक बयान में कहा, ‘‘ हम वरुण राज पर हमले से स्तब्ध और दुखी हैं।वालपराइसो यूनिवर्सिटी में हम एक दूसरे को परिवार की तरह मानते हैं और इस प्रकार का हमला हमारे लिए भयावह है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके सभी दोस्तों और परिवार के साथ हैं।’’

माइकल फेंटन ने शिकागो ट्रिब्यून को भेजे गए एक ईमेल में कहा, ‘‘हमारी संवेदनाओं और प्रार्थनाओं के अलावा, विश्वविद्यालय और वालपो समुदाय वरुण के परिवार को जल्द से जल्द अमेरिका पहुंचने में मदद के लिए उन्हें संसाधन उपलब्ध करा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पुलिस विभाग की जारी जांच में भी पूरा सहयोग दे रहा है।
‘नॉर्थ अमेरिकन तेलुगु सोसाइटी’ (एनएटीएस) ने चंदा इकट्ठा करना शुरू किया है और बुधवार तक 38,000 डॉलर से अधिक की राशि जमा हो गई थी।

एनएटीएस ने कहा,‘‘ फिलहाल उसकी हालत नाजुक है। वह कोमा में है और जीवन-मौत के बीच लड़ाई लड़ रहा है।उसके परिवार ने हमसे संपर्क किया और भारी चिकित्सकीय बिलों के भुगतान के साथ ही उसके अभिभावकों के अमेरिका आने का यात्रा खर्च उठाने में मदद का अनुरोध किया था। हम इसके लिए कोशिश कर रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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