अमेरिका-ब्रिटेन के बीच चाय पर हो गया बवाल, एंबेसी को देना पड़ा जवाब

हाइलाइट्स

अमेरिकी प्रोफेसर ने अपनी बुक में चाय बनाने की तरह तरह की रेसिपी के बारे में बात की.
चाय ब्रिटेन की नेशनल ड्रिंक है. इसे लेकिन ब्रिटेन के लोगों ने आपत्ति दर्ज की.

नई दिल्‍ली. भारत में ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्‍पत्ति अंग्रेजों ने की है. अंग्रेज भले ही चले गए हों लेकिन उनके जाने के बाद भारत में चाय पीने का चलन काफी आम है. मौजूदा वक्‍त पर चाय बनाने की रेसिपी को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों के बीच विवाद पैदा हो गया. यह मामला इस कदम बढ़ गया कि ब्रिटेन में अमेरिकी दूतावास को इस मामले में बयान जारी करना पड़ गया. चाय ब्रिटेन का राष्ट्रीय ड्रिंक है. दरअसल, हुआ कुछ यूं कि एक अमेरिकी प्रोफेसर ने चाय पीने वालों को यह सलाह दे डाल कि अपनी चाय बनाते वक्‍त इसमें नमक का एक दाना जरूर डाला जाए.

चाय पीने का चलन केवल ब्रिटेन ही नहीं बल्‍कि अमेरिका में भी काफी आम है. ऐसे में दोनों देश के लोगों के बीच चाय बनाने की रेसिपी को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली. दोनों देशों में पहले से ही चाय पर, या विशेष रूप से इसे कैसे बनाया जाए, इस पर असहमति है. जहां ब्रिटेन के लोग चाय बनाने के लिए केतली का उपयोग करते हैं, वहीं अमेरिकी इसे माइक्रोवेव में बनाना पसंद किया जाता हैं.

चाय की नई रेसिपी
गार्जियन की खबर के अनुसार पेंसिल्वेनिया के एक निजी संस्थान में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर मिशेल फ्रेंकल ने चाय प्रेमियों को सलाह दी कि वे अपने टी-बैग को तेजी से बार-बार चाय में डुबोएं और अंत में टी-बैग को दबाकर रखें. उन्‍होंने कहा, “अमेरिका में आपको चाय के कुछ बेहद खराब कप मिलते हैं. यह भयावह है. मैं मिडवेस्ट में पला-बढ़ा हूं, जो काफी हद तक कॉफी पीने वाला देश है, लेकिन चाय हमेशा से मेरा पसंदीदा ड्रिंक रही है और मैंने इसका अध्ययन करने में बहुत समय लगाया है. इतने वर्षों तक चाय पीने और रसायन विज्ञान पर शोध करने के बाद भी, मैंने नई चीजें सीखीं कि सबसे अच्छी चाय कैसे बनाई जाती है.”

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ब्रिटेन में हंगामा
उनका यह नुस्खा ऑनलाइन वायरल हो गया और उनकी पुस्तक ‘स्टीप्ड: द केमिस्ट्री ऑफ टी’ में प्रकाशित होने के बाद ब्रिटेन में हंगामा मच गया, जहां उन्होंने आदर्श कप चाय बनाने में शामिल रसायन शास्त्र पर चर्चा की. वह लिखती हैं कि टीबैग्स को निचोड़ने से “खट्टा स्वाद वाला टैनिन” कम हो जाता है और नमक डालने से केमिकल रिएक्‍शन ब्‍लॉक हो जाता है, जो चाय को कड़वा स्वाद देता है. ब्रिटेन में इसके कारण हुए आक्रोश को देखते हुए अमेरिकी दूतावास को खुद को शोध से अलग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्‍होंने कहा कि यह “अपमानजनक प्रस्ताव है जो दोनों देशों के बीच संबंधों को खतरे में डाल रहा है.

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लंदन में अमेरिकी दूतावास ने क्‍या कहा?
लंदन में अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, “एक अमेरिकी प्रोफेसर की “परफेक्ट” कप चाय की रेसिपी की आज की मीडिया रिपोर्ट ने यूनाइटेड किंगडम के साथ हमारे विशेष बंधन को गर्म कर दिया है. चाय सौहार्द का अमृत है, एक पवित्र बंधन है जो हमारे देशों को एकजुट करता है. हम चुपचाप खड़े नहीं रह सकते क्योंकि इस तरह का अपमानजनक प्रस्ताव हमारे विशेष संबंधों की नींव को खतरे में डालता है. इसलिए हम ब्रिटेन के अच्छे लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ब्रिटेन के राष्ट्रीय पेय में नमक जोड़ने की अकल्पनीय धारणा आधिकारिक संयुक्त राज्य अमेरिका की नीति नहीं है. और ऐसा कभी नहीं होगा. हम चाय को उचित तरीके से बनाएंगे – माइक्रोवेव करके.”

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