“अमेरिका ने की थी अपील…” : चेक सरकार ने निखिल गुप्ता को क्यों किया गिरफ्तार?

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

सिख अलगाववादी और खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ( Khalistani terrorist Gurpatwant Singh Pannun) की हत्या की साजिश के मामले में अमेरिका की ओर से अभियुक्त बनाए गए निखिल गुप्ता (Nikhil Gupta) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक रिट याचिका दायर की है. निखिल गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि वह भारत सरकार से इस मामले में दखल देने को कहे. निखिल गुप्ता को इसी साल जून में चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था.

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इस बीच चेक गणराज्य की सरकार ने NDTV को बताया कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में आरोपित भारतीय व्यक्ति को अमेरिका के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया था. चेक सरकार ने कहा कि अमेरिका ने अगस्त में प्रत्यर्पण की अपील भी पेश की थी.

पन्नू की हत्या के लिए 1 लाख डॉलर की सुपारी का आरोप

हाल ही में अमेरिका ने ये दावा किया है कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने न्यूयॉर्क में अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के लिए एक व्यक्ति को एक लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) की सुपारी दी थी. अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेजों में दावा किया गया कि ‘निखिल गुप्ता को भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे.’

इस मामले में NDTV के सीनियर प्रोड्यूसर मीर राफे की ओर से भेजे गए सवालों की एक सीरीज का जवाब देते हुए चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय ने कहा कि “किराए के लिए हत्या” की साजिश के लिए अमेरिका ने प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था.

चेक गणराज्य के न्याय मंत्रालय ने कहा, “न्याय मंत्रालय इस बात की पुष्टि कर सकता है कि निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में अमेरिका के कॉम्पिटेंड अथॉरिटी की अपील पर उसे चेक गणराज्य में अस्थायी हिरासत में ले लिया गया था. इसके साथ ही अमेरिका ने निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण की रिक्वेस्ट भी की थी.”

मूल अधिकारों के हनन का दावा

वहीं, निखिल गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका में उनके परिवार का दावा है कि उन्हें बिना किसी अरेस्ट वॉरंट के ‘स्वघोषित अमेरिकी एजेंट्स’ की ओर से गिरफ्तार किया गया था. अब तक उन्हें निष्पक्ष कानूनी कार्यवाही से वंचित रखा गया है. इस याचिका में कहा गया है कि उन्हें अकेले में रखा गया है, जहां उनके मूल अधिकारों का हनन किया गया है. 

याचिका में की भारतीय वकील की मांग

गुप्ता ने अमेरिका और चेक रिपब्लिक में अपने प्रतिनिधित्व के लिए एक भारतीय वकील की भी मांग की है. वहीं,  शीर्ष अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए 4 जनवरी 2024 की तारीख तय की है.

 

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